सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के आवास पर गुरुवार सुबह सीबीआई (Central Bureau Of INvestigation) की टीम ने छापेमारी की. यह छापेमारी ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ नाम के उनके फाउंडेशन पर विदेशी फंडिंग को लेकर की गई है. CBI ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया था, जिसके बाद दिल्ली और मुंबई स्थित उनके आवास पर छापेमारी की गई है.
अब इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान सामने आया है. उन्होंने इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के आवास पर हुई छापेमारी की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा, कानून अपना काम करें, लेकिन कानून के शासन को बनाए रखने और संवैधानिक मूल्यों के लिए जीवनभर संघर्ष करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई बदले की भावना को दर्शाती है.
I strongly condemn CBI raids on well known senior advocates @IJaising and Mr Anand Grover. Let the law take its own course but subjecting veterans who have all through their lives fought for upholding the rule of law & Constitutional values is clear vendetta
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 11, 2019
बता दें, लॉयर्स कलेक्टिव फाउंडेशन पर विदेशी चंदा विनियमन कानून (FCRA) से खिलवाड़ करने का आरोप है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस फाउंडेशन का लाइसेंस रद्द कर दिया था. सीबीआई ने इस मामले में आनंद ग्रोवर और लॉयर्स कलेक्टिव पर केस दर्ज किया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने मई में एनजीओ द्वारा एफसीआरए उल्लंघन के मामले की जांच की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर और उनके एनजीओ को नोटिस जारी किए थे.गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि विदेश से कुछ फंड कलेक्ट कर HIV/AIDS बिल (विधेयक) की मीडिया में वकालत करने के लिए इस्तेमाल किया गया है. सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच में लॉयर्स कलेक्टिव फाउंडेशन का नाम सामने आया था. आरोप यह भी है कि एक फ्री-ट्रेड एग्रिमेंट रैली का आयोजन कर कानून मंत्रालय के बाहर प्रायोजित धरना प्रदर्शन करवाया गया था.
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बता दें कि इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. इंदिरा जयसिंह 2009 से 2014 तक यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल थीं. इसी बीच उनपर आरोप लगा था कि पद का फायदा उठाते हुए उन्होंने कानून का उल्लंघन किया था.