राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन पर अब किसी तरह की संशय वाली स्थिति नहीं रहेगी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आज DDMA बैठक में 'Graded Response Action Plan' पास किया गया. कब लॉकडाउन लगेगा और कब क्या खुलेगा, इसे लेकर अब संशय की स्थिति नहीं रहेगी. बैठक में कोरोना के Delta+ वेरिएंट को लेकर भी बात हुई, इस वेरिएंट को हमें दिल्ली में फैलने से रोकना है जिसके लिए सरकार हर ज़रूरी कदम उठा रही है. वहीं बता दें कि भविष्य की तैयारियों के मद्देनजर गुरुवार को दिल्ली के आईएलबीएस में कोविड-19 जीनोम सीक्वेंसिंग की दूसरी लैब का उद्घाटन किया गया. बुधवार को इसी तरह की एक लैब का एलएनजेपी में उद्घाटन किया था. इसी के साथ कोरोना के नए वेरिएंट की जांच के लिए दिल्ली सरकार के पास अब दो लैब हो गई हैं.
आज DDMA बैठक में 'Graded Response Action Plan' पास किया गया। कब लॉकडाउन लगेगा और कब क्या खुलेगा, इसे लेकर अब संशय की स्थिति नहीं रहेगी।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 9, 2021
बैठक में कोरोना के Delta+ वेरिएंट को लेकर भी बात हुई, इस वेरिएंट को हमें दिल्ली में फैलने से रोकना है जिसके लिए सरकार हर ज़रूरी कदम उठा रही है।
लैब का उद्घाटन सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया. इस मौके पर कहा कि इन लैब्स की मदद से कोरोना के किसी भी नए वेरिएंट की पहचान और उसकी गंभीरता का पता लगाया जा सकेगा. हम इससे बचाव को लेकर रणनीति बना पाएंगे. कोरोना काल में विज्ञान की इस तकनीक से दिल्लीवासियों को काफी फायदा मिलेगा.
वहीं, आईएलबीएस के निदेशक डॉ. शिव कुमार सरीन ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के आरएनए को उसके वायरस पर सीक्वेंस करा कर पता लगा सकते हैं कि वायरस ने अपना स्वरूप बदला है या नहीं. हमारे पास हर सप्ताह 300 सैंपल को सीक्वेंस करने की क्षमता है और इसका परिणाम भी 5-7 दिन में आ जाएगा. इस दौरान दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अलावा अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.
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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "भविष्य की तैयारियों के मद्देनजर आईएलबीएस में दिल्ली सरकार की दूसरी जीनोम सीक्वेंसिंग सुविधा की शुरूआत की. कोरोना काल में विज्ञान की इस तकनीक से दिल्लीवासियों को काफी फायदा मिलेगा."
मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि इसका पहला परिणाम अगले तीन-चार दिनों के अंदर आ जाएंगे. आईएलबीएस में जो लैब बनाई गई है, वह एलएनजेपी में बनाई गई लैब से बहुत ज्यादा उन्नत (एडवांस्ड) है. संभवत उत्तर भारत की यहां पर इस तरह की यह पहली लैब है."
सीएम ने कहा कि अभी तक हमारे जितने भी सैंपल थे, उसे जांच के लिए हमें केंद्र सरकार के एनसीडीसी में भेजने पड़ते थे. अब हम इसकी जांच अपनी लैब में ही कर सकते हैं. अगर कोई नया वेरिएंट आता है, तो हमें तुरंत पता चल जाएगा. उस नए वेरिएंट से निपटने के लिए हमें जो भी रणनीति बनानी होगी, उसे हम बना सकते हैं.