Advertisment

दिल्ली के CM केजरीवाल को SC से मिली अंतरिम जमानत, मामला बड़ी बेंच को सौंपा

सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले मामले में CM अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा है.

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
CM Arvind Kejriwal

CM Arvind Kejriwal( Photo Credit : social media)

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है. लेकिन ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी के केस को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को सौंपा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला बड़ी बेंच के पास भेजा है. अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी. इस मामले में चीफ जस्टिस तीन जज नियुक्त करेंगे. बड़ी बेंच के पास मामले की सुनवाई तक केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है. मगर केजरीवाल अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.

Advertisment

ये भी पढ़ें: UP: बहन के शव को 5 किमी कंधे पर ढोते रहे दो भाई, यूपी के इस जिले में बाढ़ ने ढाया कहर

वह फिलहाल सीबीआई की कस्टडी में रहने वाले हैं. ईडी केस में उन्हें जमानत दी गई है. केजरीवाल के वकील विवेक जैन के अनुसार, सीबीआई मामले में 18 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इस मामले में फैसला आने के बाद ही पता चल सकेगा कि क्या केजरीवाल बाहर आएंगे या नहीं? 

देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर. News Nation ‬के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://www.whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10

जानें अदालत ने क्या-क्या कहा?

केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि दिल्ली के सीएम 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहे हैं. वह चुने हुए नेता हैं और वह इस पद पर बने रहेंगे या नहीं, इसका फैसला वही कर पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, हमने फैसले में चुनावी फंडिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. अदालत ने कहा कि हमने जमानत के सवाल  को एग्जामिन नहीं किया है. वहीं पीएमएलए की धारा 19 के मापदंड़ों को परखा है.

इन धाराओं की विस्तृत व्याख्या करने की आवश्यकता है. पीएमएलए की धारा 19 में गिरफ्तारी के नियमों की भी व्याख्या करने की जरूरत है. हमने पीएमएलए की धारा 19 और धारा 45 के बीच अंतर को समझाया है. पीएमएलए की धारा 19 अधिकारियों की व्यक्तिपरक राय है और इसकी न्यायिक समीक्षा हो सकती है. 

वहीं, धारा 45 का उपयोग अदालत ही कर सकती है. आपको बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 19 ईडी को ये अधिकार देती है कि अगर सबूतों के आधार पर एजेंसी  को लगता है कि कोई शख्स मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी है तो वो उसे गिरफ्तार कर सकता  है. ऐसी गिरफ्तारी को लेकर एजेंसी को बस आरोपी को वजह बताना होता है. 

Source : News Nation Bureau

AAM Admi Party newsnation arvind kejriwal interim bail Supreme Court Verdict delhi cm arvind kejriwal AAP arvind kejriwal CM kejriwal
Advertisment