दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) रविवार शाम सिंघु बॉर्डर के बीच पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों के साथ बातचीत की और उन्हें संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि देश के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर हैं. किसान दुखी हैं, मुसीबत आई है.
कड़कड़ाती सर्दी का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि हम लोगों को कितनी सर्दी लग रही है. रात को इतनी ठंड में खुले आसमान के नीचे सड़क पर किसान भाई, माता, बच्चे 32 दिनों से सोने को मजबूर हैं. आखिर क्यों?
उन्होंने आगे कहा कि आज पवित्र मंच से केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि ये अपने ही देश के लोग हैं. इनकी बातों को सुनकर तीन कानूनों को वापस लेलो और आंदोलन यहीं खत्म कर दो.
केजरीवाल ने आगे कहा कि जब हम अन्ना आंदोलन में थे तो हमे भी बदनाम किया. अब किसान आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं. 70 सालों में सभी पार्टियों ने किसानों को सिर्फ धोखा दिया. कभी कहा कि मुआवजा देंगे कभी कुछ.
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केजरीवाल ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए आगे कहा कि अभी तीनों कानून से इनकी खेती भी छीनना चाहते हैं. अगर खेती भी चली गई तो किसान कहां जाएंगे. ये अपने दो चार चहेतों को देना चाहते हैं.
दिल्ली के मुखिया ने आगे कहा कि मोदी सरकार कह रही है कि जमीन नहीं जाएगी. एमएसपी नहीं जाएगी. मंडी नहीं जाएगी. फिर कानून क्यों ला रहे हो, फाड़कर फेंक दो.
किसानों को कोई फायदा नहीं बता रहे हैं, सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा होगा. देश दो भागों में बंट चुका है. एक जो इनके साथ हैं और एक जो इनके खिलाफ है.
केंद्र सरकार कह रही है कि इन्हें बहकाया जा रहा है. फिर केंद्र के सबसे बड़े मंत्री और अधिकारी जो भी हो, और किसान नेता के बीच आमने सामने डिबेट हो जाये. इससे पता चल जाएगा कि कौन कितना खराब है.
Source : News Nation Bureau