देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर रूप धारण कर लिया है. बढ़ते वायु प्रदूषण और खराब एयर क्वालिटी ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है. इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने त्वरित और सख्त कदम उठाए हैं. दफ्तरों की टाइमिंग में बदलाव और प्राथमिक विद्यालयों को ऑनलाइन कक्षाओं में स्थानांतरित करना ऐसे ही दो अहम फैसले हैं.
बदल गई दफ्तरों की टाइमिंग
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर जानकारी दी कि सरकारी कार्यालयों की टाइमिंग अब अलग-अलग निर्धारित की गई है. यह कदम यातायात की भीड़ और उससे उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया है. नई टाइमिंग कुछ इस प्रकार होगी:
- दिल्ली नगर निगम: सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक
- केंद्र सरकार के कार्यालय: सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक
- दिल्ली सरकार के कार्यालय: सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक
स्कूलों में पढ़ाई अब ऑनलाइन
प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि दिल्ली के सभी प्राथमिक विद्यालयों की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जाएंगी. इस कदम का उद्देश्य बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी खतरों से बचाना है.
GRAP-3 के नियम लागू
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत GRAP-3 के नियमों को लागू कर दिया है. दिल्ली में लगातार दो दिनों तक वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी रही. शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 411 तक पहुंच गया, जो बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है.
प्रदूषण कम के लिए उठाए गए कदम
दिल्ली सरकार के ये कदम न केवल प्रदूषण को नियंत्रित करने बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. दफ्तरों की अलग-अलग टाइमिंग से यातायात का दबाव कम होगा और वाहनों से निकलने वाले धुएं में कमी आएगी. स्कूलों को ऑनलाइन करना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी था.
To reduce traffic congestion and associated pollution, Govt offices across Delhi will be following staggered timings:
— Atishi (@AtishiAAP) November 15, 2024
1. Municipal Corporation of Delhi: 8:30am to 5pm
2. Central Govt: 9am to 5:30pm
3. Delhi Govt: 10am to 6:30pm
नागरिकों की जिम्मेदारी
सरकार के इन प्रयासों का पूरा लाभ तभी मिल सकता है जब आम नागरिक भी प्रदूषण कम करने में अपनी भूमिका निभाएं. सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना, गैर-जरूरी वाहनों का उपयोग कम करना, और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत अपनाना कुछ ऐसे कदम हैं जो इस संकट से निपटने में मदद कर सकते हैं.