दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली की स्थिति बताते हुए कहा कि दिल्ली में कल 1404 पॉजिटिव केस थे. इनको मिलाकर 144,127 कुल केस हो गए. 1130 लोग कल ठीक हुए हैं. एक्टिव केस 10667 हैं. कल 16 डेथ हुई है और अभी तक कुल डेथ 4098 है. हॉस्पिटल्स में बेड ऑक्यूपेंसी है, 3058, कुल बेड हैं, 13527. पिछले 12 दिनों से बेड ऑक्यूपेंसी एक जैसी थी.
उन्होंने बताया कि इस डाटा को कल चेक किया गया, तो पता चला कि कल 97 पेशेंट जो भर्ती हुए, वे दिल्ली से बाहर के थे और 224 दिल्ली के थे. यानी दिल्ली में करीब 30-35 फीसदी मरीज बाहर के एडमिट हो रहे हैं. कई लोग मुझसे पूछते हैं कि हॉस्पिटल में एडमिशन कम नहीं हो रहे हैं. इसका कारण है कि दिल्ली में बाहर के भी बहुत पेशेंट आ रहे हैं.
सत्येंद्र जैन ने कहा, कल यह खबर भी चली कि दिल्ली में फिर से 1400 केस हो गए हैं. काफी बड़ी संख्या में लोग दिल्ली से बाहर जैसे गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद जैसी जगहों से आकर दिल्ली में टेस्ट करा रहे हैं. तो उनके टेस्ट कराने की वजह से संख्या बढ़ जाती है. जब हमारे लोग चेक करने के लिए घर पर जाते हैं, तो बड़ी संख्या में लोग मिलते नहीं हैं. पता चलता है कि वे दिल्ली से बाहर रहते हैं. दिल्ली का ट्रेंड कम हो रहा है. हॉस्पिटल एडमिशन इसलिए कम नहीं हो रहा, क्योंकि बाहर के पेशेंट बड़ी संख्या में पॉजिटिव आ रहे हैं.
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...तो क्या अब दिल्ली में फिर से कोरोना बढ़ने का कारण बाहर के लोग हैं?
सत्येंद्र जैन ने कहा, दिल्ली में तो कम हो ही रहा है. बाहर से पेशेंट बीमार होकर आया है, वह इलाज करा रहा है. बेड अगर आप देखें, तो 3058 है. 10 दिन पहले भी 3000 ही थे. पहले हर दिन लगभग 100 बेड कम हो रहे थे. लेकिन इसमें कमी आई, कल इसलिए बढ़ोतरी हुई, क्योंकि 97 पेशेंट बाहर के थे.
कम आरटीपीसीआर और ज्यादा एंटीजन पर
हॉस्पिटल्स में बेड खाली पड़े हैं. जो बीमार हैं, उन्हें टेस्ट से मना नहीं कर रहे हैं. आईसीएमआर की गाइडलाइन है कि आरटीपीसीआर टेस्ट उसी का हो सकता है, जिनमें लक्षण हों. लेकिन दिल्ली में कोई भी चाहे तो टेस्ट करा सकता है. फ्लू क्लीनिक में बड़े स्तर पर टेस्ट हो रहा है. वहां 100 टेस्ट में से अगर पांच पॉजिटिव आए, लेकिन दो लक्षण होने के बावजूद पॉजिटिव नहीं आए, तो उनका आरटीपीसीआर करते हैं, बाकी लोग आरटीपीसीआर के दायरे में नहीं आते हैं.
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प्रधानमंत्री के गार्बेज फ्री इंडिया कैंपेन पर क्या स्वास्थ्य मंत्री
सत्येंद्र जैन ने कहा, बिल्कुल गंदगी साफ होनी चाहिए, अच्छा कैंपेन है. दिल्ली में तो कूड़े के पहाड़ हैं. उसे भी इसी का पार्ट बनाकर इस गंदगी को एमसीडी को साफ करना चाहिए. एमसीडी की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. एमसीडी कम से कम एक काम तो करे, सफाई तो करे.
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उन्होने कहा, यह अच्छी बात है. अपने देश में उत्पादन हो, हमारे देश को आजाद हुए 70 साल से ज्यादा हो गए हैं. हमारा देश अभी भी छोटी-छोटी चीजों में फंसा रह जाता है. इस पर तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता है, इससे देश जल्दी तरक्की करेगा.