दिल्ली क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर एक गोदाम से 571 किलो लाल चंदन किया बरामद, एक गिरफ्तार

चंदन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, पुलिस को पता चला है कि यह चंदन चीन भेजी जानी थी

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Sushil Kumar
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लाल चंदन (फाइल फोटो)

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दक्षिण भारत में मिलने वाला बेहद दुर्लभ श्रेणी का लाल चंदन की बड़ी खेप राजधानी में पकड़ी गई है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दक्षिणी दिल्ली के असोला गांव में एक गोदाम से 571 किलो चंदन बरामद करके उसकी तस्करी के आरोप में दार्जलिंग के रहने वाले अमित वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. चंदन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2 करोड़ के आसपास बताई जा रही है. पुलिस को पता चला है कि यह चंदन चीन भेजी जानी थी. गिरफ्तार आरोपी अमित ने दक्षिणी दिल्ली के असोला गांव में किराए पर गोदाम लिया हुआ था.

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वहां तस्करी का चंदन छिपा कर रखता था. यह माल कर्नाटक से लाकर रखा गया था. आरोपी को पुलिस ने रिमांड पर लिया हुआ है. डीसीपी नाइक ने बताया कि उनकी स्पेशल टास्क फोर्स पिछले साल से चंदन की तस्करी करने वालों की तलाश में है. इस सिलसिले में पिछले साल 29 सितंबर को बड़ी सफलता मिली थी, तब टीम ने एक ट्रक से 45 सौ किलो चंदन बरामद किया था. तब तीन तस्कर गिरफ्तार किए गए थे. उन्हीं आरोपियों से पूछताछ में चंदन की तस्करी की अन्य कड़ियों के बारे में पता चला था. उसी इनपुट पर बीती 3 तारीख को अमित वर्मा को अरेस्ट किया गया.

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अमित पहले गिरफ्तार हो चुके एक तस्कर नीरज सहगल का रिश्तेदार है. पुलिस उस पर नजर रख रही थी, जैसे ही उसके दिल्ली में गोदाम का पता चला, वहां रेड करके चंदन को रिकवर कर लिया गया. इस मामले में आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. अमित से पूछताछ में नोएडा के एक शख्स का नाम सामने आया है. जिसके संपर्क नेपाल तक हैं. पता चला है कि वह नेपाल तक चंदन की खेप पहुंचाता. वहां से चीन भेजी जाती है. रिकवर चंदन की कीमत भारत में 50 लाख रुपये हैं. विदेश में कई गुना बढ़ जाती है. आरोपी ने बताया है कि चीन में यही चंदन 2 करोड़ की बिकती है.

क्या है लाल चंदन

लाल रंग का होने की वजह से इसे रक्त चंदन भी कहते हैं. वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, रक्त चंदन एक अलग जाति का पेड़ है. उसकी लकड़ी लाल होती है. सफेद चंदन का उपयोग आमतौर पर दवाएं, इत्र बनाने या पूजा में होता है, लेकिन लाल चंदन महंगे फर्नीचर और सजावट में इस्तेमाल होते हैं. इसके पेड़ दक्षिण भारत के जंगलों में उगते हैं. चीन में लाल चंदन की डिमांग का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वहां 'रेड सैंडलवुड म्यूजियम' नाम से एक संग्रहालय भी है, जिसमें लाल चंदन से बने फर्नीचर और सजावटी सामान संजोकर रखे गए हैं.

चंदन की महक दिल्ली पुलिस को कई राज्यों तक ले गई

पिछले कुछ समय में राजधानी व देश के अन्य राज्यों में लाल चंदन की तस्करी के कई मामलों का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने कई टन चंदन के लट्ठे रिकवर किए हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपयों में आंकी गई है. हाल में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हाथ आए चंदन तस्करों से न सिर्फ बड़ी रिकवरी हुई, बल्कि उनके देश-विदेश के नेटवर्क की जानकारी भी सामने आयी.

छोटे खिलाड़ी पकड़े गए हैं, बड़े चंदन कटवा रहे हैं

पुलिस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में लाल चंदन की तस्करी में जो लोग पकड़े गए हैं, वह छोटे 'खिलाड़ी' हैं. इस नेटवर्क में शामिल कई बड़े खिलाड़ी की तलाश में क्राइम ब्रांच की टीम कर्नाटक, बेंगलुरु, मुंबई और राजस्थान पर नजर बनाए हुए हैं. वहां कई रेड हो चुकी हैं. उम्मीद है कि जल्द पुलिस के हाथ और कड़ियां लगेंगी.

दक्षिण भारत के जंगलों में अवैध कटाई, बेंगलुरु है ट्रांजिट पॉइंट

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हमारे देश में चंदन सिर्फ सरकार के जरिए नीलाम होता है. उसके बावजूद दक्षिण भारत के जंगलों से चंदन की अवैध कटाई बड़े स्तर पर हो रही है. उसमें भी लाल चंदन की तस्करी सबसे ज्यादा है. तस्करी के लिए बेंगलुरु को ट्रांजिट पॉइंट बनाया गया है, जहां से चंदन की खेप देश के अन्य राज्यों के अलावा चीन और यूरोप तक जाती है. यह चंदन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के बॉर्डर एरिया में पैदा होता है. वहां से तस्करी करके दिल्ली के गोदामों में रखा जाता है. गोदाम रेंट पर लिया था.

चीन के लिए रास्ते से जाते हैं, यूरोप के लिए समुंद्र से

चीन के लिए नॉर्थ ईस्ट राज्यों के रास्तों का इस्तेमाल होता है, लेकिन यूरोप माल भेजने के लिए समुद्र मार्ग ही एकमात्र विकल्प है. चूंकि चीन सबसे बड़ा खरीददार है और वहां सड़क मार्ग से माल पहुंचाया जा सकता है, इसलिए सबसे ज्यादा तस्करी चीन के लिए होती है. जहां चंदन की लकड़ियों का प्रयोग इंटीरियर डेकोरेशन, दवा, सौंदर्य प्रसाधन के निर्माण में किया जाता था.

अगरबत्ती या परफ्यूम के बीच छिपाके रखते हैं

लाल चंदन सबसे उम्दा और दुर्लभ श्रेणी में शुमार है. आरोपी पहले भी करोड़ों की अवैध चंदन बेंगलुरु से ला चुके हैं. करीब डेढ़ साल से तस्करी में लिप्त हैं. पिछले साल दिल्ली के आश्रम चौक से जिस ट्रक से टनों चंदन के लट्ठे बरामद हुए, उनके ऊपर अगरबत्ती की स्टिक रखी थीं. पुलिस का कहना है कि तस्कर अगरबत्ती और परफ्यूम की आड़ में तस्करी करते हैं, ताकि चंदन की खुशबू को अगरबत्ती या परफ्यूम बताकर पुलिस को चकमा दे सकें.

Source : अवनीश चौधरी

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