Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी में दंगा और गैरकानूनी जमावड़े के आरोप में 21 लोगों को गिरफ्तार करने और दो नाबालिगों को हिरासत में लेने के बाद मामले की जांच अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी गई है, जिसने एक विशेष जांच दल का गठन किया है, जो 14 प्वाइंट पर जांच करेगी. ये कदम गृह मंत्रालय के आदेश पर उठाया गया है, जब दिल्ली के वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि जहांगीरपुरी में हिंसा अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की संलिप्तता के कारण शुरू हुई थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अपराध शाखा को मुख्य तौर पर दंगे के पीछे "बांग्लादेशी एंगल" की जांच करने, FRS तकनीक (पिछले आपराधिक रिकॉर्ड से चेहरे की पहचान) का इस्तेमाल और डंप डाटा की जांच करने के लिए कहा गया है.
क्राइम ब्रांच एसआईटी में 5 टीम
मामले पर गठित क्राइम ब्रांच एसआईटी में एक डीसीपी, 5 एसीपी और 10 इंस्पेक्टर हैं, इनमें 2 एसीपी को साइबर एंगल की जांच करने के लिए कहा गया है, जबकि एक एसीपी को गिरफ्तार आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड की जांच करने के लिए कहा गया है, वहीं एक अन्य एसीपी को FRS तकनीक का उपयोग करने के लिए कहा है और एक टीम को सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से वीडियो इकट्ठा करने के लिए कहा है।
21 आरोपियों में 8 का आपराधिक रिकॉर्ड
मामले में अब तक गिरफ्तार 21 आरोपियों में कम से कम आठ का आपराधिक रिकॉर्ड सामने आया है, जिनमें से कुछ सट्टे, आर्म्स एक्ट, रॉबरी से लेकर हत्या के प्रयास तक के आरोप में अरेस्ट हो चुके हैं।
तमाम पीसीआर कॉल करने वालों से संपर्क करेगी टीम
एक स्पेशल टीम पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) के कॉल लॉग की जांच करने और सभी कॉल करने वालों से मिलने और उनके बयान दर्ज करने के लिए भी कहा गया है।
Source : Avneesh Chaudhary