दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा कथित मारपीट की घटना के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नौकरशाहों के बीच कलह बढ़ता जा रहा है।
बड़े अफसरों का कहना है कि जब तक इस घटना के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल माफी नहीं मांगेंगे, तब तक मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट के द्वारा बुलाए जाने वाले सभी बैठकों का बहिष्कार करेंगे।
मंगलवार शाम को केजरीवाल आवास पर हुए कैबिनेट की बैठक में मुख्य सचिव ने भी हिस्सा नहीं लिया था।
अधिकारियों के तीन संगठन आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा), डीएएनआईसीएस (दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप सिविल सेवा) और दिल्ली सबऑर्डिनेट सर्विस के प्रतिनिधियों ने इस फैसले पर एक प्रस्ताव पारित किया, हालांकि उन्होंने कहा कि वे आप मंत्रियों से लिखित संवाद बनाए रखेंगे ताकि जनसेवा में बाधा न पहुंचे।
आईएएस एसोसिएशन के डिविजनल कमीशनर मनीष सक्सेना ने कहा, 'सभी तीनों संगठनों ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्य सचिव के साथ हुई मारपीट के विरोध में दिल्ली के मंत्रियों के मीटिंग को बहिष्कार करने का फैसला किया है।'
आईएएस एसोसिएशन ने उप राज्यपाल अनिल बैजल से भी इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई और दावा किया कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ 'मारपीट' और 'बदसलूकी' की गई। उन्होंने इस घटना को 'सुनियोजित आपराधिक साजिश' करार दिया।
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तीनों संगठनों के सदस्यों ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई कथित मारपीट के विरोध में मंगलवार को राजघाट पर कैंडलमार्च भी निकाला।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज करवाई।
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने मुख्य सचिव के इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि मुख्य सचिव ने विधायकों के लिए बुरे शब्दों का इस्तेमाल किया। साथ ही कहा कि आप नेताओं के साथ ही मारपीट की गई है।
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Source : News Nation Bureau