राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जारी बिजली संकट को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ( Delhi Deputy CM Manish Sisodia ) का बड़ा बयान आया है. उन्होंने पॉवर क्राइसिस के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि कई राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है, लेकिन केंद्र सरकार बिजली संकट की बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि कई पावर प्लांट में कोयले की किल्लत ( coal shortage at power plants ) है, लेकिन संकट को देखकर आंखें बंद कर लेना खतरनाक है. सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री का बयान गैर जिम्मेदाराना है. केंद्र सरकार मुख्यमंत्रियों की बात नहीं मान रही है. उल्टा केंद्र राज्यों को झूठा साबित करने में जुटी है.
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बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोयला संकट है जो बिजली संकट का कारण बन सकता है और उद्योगों सहित सब कुछ बंद कर सकता है लेकिन केंद्र इससे इनकार कर रहा है. केंद्र ने कोई कदम नहीं उठाया तो देश में एक और संकट खड़ा हो जाएगा. आपको बता दें कि देश भर में बिजली उत्पादन संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयले का भंडार है. कोयले की कमी (Coal Crisis) को लेकर अफवाह फैलायी जा रही है. कोयले की कमी से आसन्न बिजली संकट के अफरा-तफरी के बीच ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (Power Minister RK Singh) ने नाराज़गी जताई है. उन्होंने कहा है कि बिजली कंपनियां और राज्य सरकारें जबरदस्ती लोगों में दहशत फैला रही है. कंपनियों का ये व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से दावा किया जा रहा है कि कोयले की कमी के चलते कई राज्यों में ब्लैक आउट की नौबत आ सकती है. कहा जा रहा है कि पावर प्लांट्स को जरूरत के मुताबिक कोयला नहीं मिल रहा है.
Source : News Nation Bureau