दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अप्रैल और मई में ऑक्सीजन का भारी संकट हुआ था. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है. उस दौरान डॉक्टरों, मरीजों के रिश्तेदारों और पत्रकारों ने त्राहि-त्राहि के संदेश भेजें कि किसी तरह से बचा लीजिए और उसमें बहुत लोगों की मौत भी हुई. इस बात से भी कोई इनकार नहीं कर सकता कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई थीं. इस पूरे मसले पर केंद्र सरकार पर्दा डाल कर रखना चाहती है.
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मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि इसे लेकर हमने एक जांच कमेटी बनाई थी, जिसको एलजी साहब ने मना कर दिया. मैंने केंद्रीय गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी भी लिखी. एक तरफ आप कह रहे हैं कि राज्य बताएं कि ऑक्सीजन की कमी से किसकी-किसकी मौत हुई है और दूसरी तरफ आप कह रहे हैं कि जांच की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमने एलजी साहब को फिर से फाइल भेजी थी, लेकिन एलजी ने फिर से जांच कमेटी बनाने से मना कर दिया है. केंद्र सरकार कह रही है कि जांच करने की जरूरत नहीं है तो दूसरी तरफ एलजी साहब भी कह रहे हैं कि जांच कमेटी बनाने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार राज्यों से कह रही है कि बताएं कि ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौत हुई है. दूसरी तरफ से कह रहे हैं कि जांच नहीं करने देंगे तो इसका मतलब केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य सरकारें लिखकर दें कि ऑक्सीजन की कमी से देशभर में कोई भी मौतें नहीं हुई हैं.
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा कि यह कहना बहुत बड़ा झूठ होगा. यह उन लोगों के साथ बहुत बड़ा मजाक होगा, जिन्होंने अपनो को खोया है. आज केंद्र सरकार जानबूझकर राज्यों से करवाना चाहती है कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई थी. जाहिर सी बात है कि ऑक्सीजन मैनेजमेंट की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की थी. केंद्र सरकार से यह गलती से हुआ या जानबूझकर किया, यह तो जांच का विषय है.
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सिसोदिया ने आगे कहा कि केंद्र सरकार का मिसमैनेजमेंट और गलतियां थीं, जिसकी वजह से देश के लोगों ने त्राहि-त्राहि झेली और अब केंद्र सरकार कह रही है कि इसकी जांच नहीं होनी चाहिए. 21वीं सदी में लोग ऑक्सीजन की कमी से मर गए और आप कह रहे हैं कि इसकी जांच नहीं होनी चाहिए, क्यों नहीं जांच होनी चाहिए. आपने फिर से एलजी से चिट्ठी लिखवा दी कि जांच नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार इस बात की जिम्मेदारी ले कि देशभर में जो ऑक्सीजन का संकट खड़ा हुआ वह उसकी वजह से खड़ा हुआ और आज केंद्र सरकार जांच से बच रही है.