दिल्ली के पास कोरोना वैक्सीन नहीं है. सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनी से वैक्सीन मांगी है. कंपनी द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराने के बाद ही दिल्ली में व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन किया जा सकेगा. दिल्ली सरकार के मुताबिक वैक्सीनेशन की तैयारियां की जा चुकी हैं, लेकिन अभी हमारे पास वैक्सीन नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendar Jain) ने दिल्ली में वैक्सीनेशन को लेकर कहा कि अभी हमारे पास वैक्सीन नहीं है. इसके लिए हमने कंपनी से अनुरोध किया है. कंपनी जैसे ही वैक्सीन दे देती है, हम सभी को वैक्सीन लगाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से वैक्सीनेशन को लेकर सभी तैयारियां की जा चुकी हैं, लेकिन उसके लिए वैक्सीन का उपलब्ध होना जरूरी है. अभी हमारे पास वैक्सीन नहीं है. उन्होंने कहा कि यह पता चला है कि वैक्सीन का उत्पादन बहुत अधिक नहीं है. जैसे ही कंपनियां हमें एक शेड्यूल दे देती हैं कि कितनी-कितनी वैक्सीन कब-कब देंगी, तो हम तुरंत वैक्सीनेशन शुरू कर देंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीनेशन को लेकर कहा कि दिल्ली सरकार की तैयारी पूरी है. कंपनियों से वैक्सीन मिलते ही हम सभी को वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे. उन्होंने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है. दिल्ली में सब कुछ पारदर्शी है. हम कभी भी कोई बात नहीं छिपाते हैं और आगे भी नहीं छिपाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना की संक्रमण दर में आ रही गिरावट से दिल्ली में कोविड के काबू में आने को लेकर उम्मीद की एक किरण नजर आई है. चार दिन पहले तक संक्रमण दर 35 फीसद से अधिक थी, जो अब 31.76 फीसद पर आ गई है. चार दिन पहले तक दिल्ली में जो सकारात्मकता दर 35 फीसद से अधिक चल रही थी और ऐसा लग रहा था कि यह दर बढ़ कर 40 से 45 फीसद तक पहुंच जाएगी, लेकिन अब संक्रमण दर थोड़ा कम हो रही है और अब यह 31.76 फीसद है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना की मौजूदा हालात को ग्राफ के जरिए समझाते हुए कहा कि पिछले डेढ़ महीने में संक्रमण दर लगातार ऊपर ही जा रही थी, लेकिन अब यह दर नीचे की ओर आनी शुरू हो रही है. इस वजह से आशा की एक किरण नजर आ रही है और ऐसा लग रहा है कि शायद अब संक्रमण दर धीरे-धीरे कम होगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली में कोरोना की जांच की संख्या कम होने के सवाल पर कहा कि लॉकडाउन की वजह से टेस्ट कराने के लिए लोग कम आ रहे हैं. पहले हमारे जितने भी अस्पताल और डिस्पेंसरी थे, वहां पर टेस्ट किए जा रहे थे. अब लॉकडाउन की वजह से वहां पर टेस्ट थोड़ा कम हो गया. लोगों की भीड़ आनी कम हो गई है, इसलिए जांच की संख्या कम लग रही है, अन्यथा जो भी लोग जांच कराने के लिए आ रहे हैं, उन सभी लोगों की जांच की जा रही है.
Source : IANS