दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Misodia) ने मंगलवार को दिल्ली का शिक्षा गीत (Education Song) लॉन्च किया. शिक्षा गीत की अहमियत को बताते हुए उन्होंने कहा कि इस गाने में बताया गया है कि हमारा इरादा क्या है. उन्होंने कहा कि हमारा इरादा फाइव स्टार बिल्डिंग या सुविधाएं देने का या अच्छे नतीजे देने का नहीं है. हमारा इरादा इन सबके कहीं ऊपर है. उन्होंने कहा कि इस गीत को हम सरकारी कार्यक्रम में पेश किए गए गीत के रूप में नहीं लेंगे, बल्कि हर रोज इसे छात्र और टीचर्स को सुनना है. हमारा इरादा पढ़े लिखे लोग खड़े करना है.
उन्होंने कहा कि अगर हम जाति का छोटा बड़ा होना हमारे अंदर रह गया, तो हमने पढ़ा ही क्या. उन्होंने कहा कि मैं लड़कों को खास तौर से कहना चाहता हूं कि हमारे घरों में, मां, बहन और दोस्त होती है. अगर हम भूलकर भी किसी के लिए कुछ गलत सोचते हैं तो पढ़ा ही क्या. देशभर के स्कूलों से निकलने वाले छात्रों को सोचना चाहिए कि अगर ऐसा कुछ किया तो पढ़ा ही क्या.
बच्चों को दें बोलने की आजादी
उन्होंने कहा कि आप लोग जो सड़कों पर गुंडागर्दी करते हैं और इसकी वीडियो दिखाई देता हैं, इनको देखकर डर लगता है. कुछ लोग ये ही करवाना चाहते हैं. अगर कोई हमें मूर्खतापूर्ण बातों पर लडवा दे तो हम पढ़े लिखे ही क्या? ये गीत हमें यह याद दिलवाएगा कि हमें ऐसा देश और इरादा करना है कि कोई लड़वा ना सके. हमें परिवार से लेकर समाज तक ऐसा बनना है कि कोई लड़वा ना पाए, बल्कि दुनिया हमें अच्छे समाज के लिए बधाई दे. इसके साथ ही उन्होंने ताकीद की कि शिक्षक इस गाने को दो नंबर देने के लिए रटवाए नहीं, बल्कि उसे जीना सिखाएं. बच्चों को इतनी छूट दे कि वो भी बोल सके अगर शिक्षा मंत्री से लेकर अध्यापक तक अगर कुछ ग़लत करता है या बोलता है तो उसपर सवाल उठा सके.
इस गीत में है पूरी शिक्षा का सार
उन्होंने कहा कि दिल्ली देश और दुनिया का पहला प्रदेश है, जिसका अपना शिक्षा गीत बना है. दुनिया का शायद ही कोई ऐसा शिक्षा विभाग होगा, जो ये नहीं मानता होगा कि ये तो मेरा भी इरादा था. उन्होंने बताया कि आलोक श्रीवास्तव ने इस गीत को शब्द दिए हैं. शान और स्नेहा शंकर ने इस गीत को गाया है, पिछले 5/7 साल की जर्नी में दिल्ली के स्कूल को बेहतर बनाया गया, लेकिन अगर कोई पूछे कि इतना स्कूलों में कर रहे हो, आपका इरादा क्या है ? छात्रों के जीवन के 14 से 20 साल पढ़ाई में लग जाते हैं, हमने 68 पन्ने की नई एजुकेशन पॉलिसी में जो चीजें करने की कोशिश की वो इस गीत में हैं.
कोरोना के साथ जीना सीखना होगा
कोरोना पर उन्होंने कहा कि इस महामारी को 2 साल हो गए हैं. कोरोना के अनुसार तैयारियों से लेकर वैक्सीनेशन तक को साथ लेते हुए हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा. कोरोना कुछ न कुछ सीमा में रहेगा. अगर ज्यादा बढ़ता है और सख्त कदम उठाने की जरूरत पड़ेगी, तो हम उठाएंगे. फिलहाल हॉस्पिटल में ज्यादा केसेज नहीं हैं, इसलिए ज्यादा परेशानी वाली बात नहीं है. उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल को DDMA मीटिंग में हम एक्सपर्ट से बात करेंगे और उसे समझने की कोशिश करेंगे कि वे इसे किस रूप में देख रहे हैं. हालांकि, इस दौरान उन्होंने मास्क नहीं लगाने पप फिर से फाइन लगाने का खंडन किया.
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हार के डर से चुनाव टाल रही है भाजपा
केंद्र सरकार की ओर से तीन एमसीडी को मिलकर एक एमसीडी बनाने और चुनाव टालने पर उन्होंने कहा कि इससे समस्या का हल नहीं निकलेगा. दिल्ली की साफ-सफाई कैसे होगी. सफाई कर्मचारियों को तनख्वाह कैसे मिलेगा. भ्रष्टाचार कैसे दूर होगा. लेकिन इतना जरूर दिख रहा है कि चूंकि एमसीडी चुनाव में भाजपा बुरी तरह से हार रही थी, इसलिए उसने चुनाव टाल दिया.
HIGHLIGHTS
शिक्षक और छात्रों को आदर्श शहरी बनने की दी सीख
कोरोना लंबा चलेगा, उसके साथ जीना सीखना होगा
हार के डर से भाजपा टाल रही है एमसीडी चुनाव