दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली के तीनों नगर निगम में होने वाले चुनावों की तैयारियों पर रोक लगा दी है. राज्य चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन में केंद्र सरकार द्वारा संसद में पास किए गए कानून का हवाला दिया और कहा कि क्योंकि अब MCD यूनिफाइड हो गई है, 272 की जगह अब 250 वार्ड से अधिक यहां नहीं हो सकते, नए तरीके से वार्ड का परिसीमन करना होगा, नए तरीके से वार्ड आरक्षण आदि करना होगा इसलिए इस सबमे काफी समय लग सकता है.
राज्य चुनाव आयोग अब दिल्ली में वार्डों का नए तरीके से परिसीमन करेगा. इसके बाद ही कहीं दिल्ली नगर निगम का चुनाव होगा. संसद द्वारा पास कानून के बाद तीनों नगर निगम का अस्तित्व खत्म हो चुका है, अब एकीकृत नगर निगम होगा. इसलिए नगर निगम के आम चुनाव के लिए चल रहे सभी कामों पर रोक लगाई जाती है.
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विशेषज्ञों के मुताबिक, माना जा रहा है कि 2011 की जनगणना के आधार पर वार्डों का परिसीमन करना न्यायसंगत नहीं होगा. वार्डों में वर्ष 2011 की जनसंख्या से अधिक मतदाताओं की संख्या हो चुकी है. इस कारण जनसंख्या एवं मतदाताओं के मामले में वार्डों की स्थिति एक समान नहीं हो सकेगी. नए सिरे से वार्ड बनाने में कम से कम एक साल का समय लगेगा. वर्ष 2016 में वार्डों का परिसीमन करने में पूरा एक वर्ष लग गया था. वार्ड बनाने में जनगणना विभाग से आंकड़े लेने पड़ते हैं.सूत्रों की मानें तो जब तक एमसीडी के प्रतिनिधि चुने नहीं जाते तब तक दिल्ली नगर निगम केंद्र सरकार की नजर में रहेगा.