(रिपोर्टर : मणिदीप शर्मा)
दिल्ली के रंगपुरी गांव में एक शख्स ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी चार बेटियों के साथ खुदकुशी कर ली. पुलिस ने शुक्रवार दोपहर को सूचना मिलने पर फ्लैट का ताला तोड़कर शवों को निकाला. चारों बेटियां विकलांग होने की वजह से चलने फिरने में असमर्थ थीं. डीसीपी रोहित मीना ने बताया कि वसंत कुंज साउथ पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच शुरू कर दी है.
दरवाजा तोड़ा तो अंदर से भीषण बदबू आनी शुरू हुई
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 50 वर्षीय हीरा लाल परिवार सहित रंगपुरी गांव स्थित किराए के मकान में रहता था. पत्नी की पहले मौत हो गई थी. अब परिवार में 18 वर्षीय नीतू, 15 वर्षीय निशि, 10 वर्षीय नीरू और आठ वर्षीय निधि थे. चारों बेटियां विकलांग होने की वजह से चलने फिरने में असमर्थ थीं. वसंत कुंज स्थित स्पाइनल इंजरी हास्पिटल में कारपेंट के तौर पर कार्यरत हीरालाल पर बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी थी. बताया जाता है कि शुक्रवार को हीरालाल के फ्लैट से बदबू आनी शुरू हुई. इस पर सड़क के दूसरी तरफ स्थित मकान के एक शख्स ने पुलिस को फोन कर बदबू आने की जानकारी दी. जब वसंत कुंज साउथ पुलिस फ्लैट पर पहुंची तो आसपास के लोगों ने बताया कि परिवार कई दिन से दिखाई नहीं दिया है. इस पर पुलिस ने मकानमालिक एवं अन्य लोगों की उपस्थिति में दरवाजा तोड़ा तो अंदर से भीषण बदबू आनी शुरू हुई.
पहले कमरे के बेड पर हीरालाल का शव पड़ा था
जब पुलिस टीम ने कमरे में प्रवेश किया तो पहले कमरे के बेड पर हीरालाल का शव पड़ा था. वहीं दूसरे कमरे में चारों बेटियों के शव बिस्तर पर पड़े थे. डीसीपी रोहित मीना ने बताया कि सीबीआई की एफएसएल टीम को मौके से सबूत जमा करने के लिए बुलाया गया था. जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार परिवार ने सल्फास खाकर खुदकुशी की है. पुलिस को इस बाबत सबूत भी मिले हैं. पुलिस ने दिल्ली में रहने वाले हीरालाल के बड़े भाई जोगिंदर को घटना की सूचना दे दी थी. हालांकि पुलिस को अभी तक सुसाइड नोट नहीं मिला है लेकिन बेटियों की विकलांगता को वजह माना जा रहा है.