दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में रविवार को जलती इमारत में सबसे पहले घुसने वाले दमकलकर्मियों में से एक राजेश शुक्ला ने 11 लोगों की जान बचाई. दिल्ली अग्निशमन सेवा के कर्मी शुक्ला को इस बचाव अभियान के दौरान पैर में चोट आई और उनका भी एलएनजेपी अस्पताल में इलाज चल रहा है. दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल में राजेश शुक्ला से मुलाकात की.
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सत्येंद्र जैन ने ट्वीट किया, दमकलकर्मी राजेश शुक्ला असली हीरो हैं. वह आग वाली जगह घुसने वाले पहले दमकलकर्मियों में शामिल थे और 11 लोगों की जान बचाई. हड्डी में चोट के बावजूद उन्होंने अंत तक अपना काम किया. इस हीरो की बहादुरी को सलाम. उत्तरी दिल्ली के अनाज मंडी इलाके के एक कारखाने में रविवार सुबह लगी आग में 43 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए.
Fireman Rajesh Shukla who rescued 11 persons today in #DelhiFire, is admitted at LNJP Hospital;says,"I want to appeal to all to convey right information about any fire incident at the earliest. We could've saved more lives today as well,if we had more information a little earlier pic.twitter.com/cauPbLpbTx
— ANI (@ANI) December 8, 2019
जेएनजेपी अस्पताल में भर्ती और 11 लोगों की जान बचाने वाले फायरमैन राजेश शुक्ला ने कहा कि मैं लोगों को अपील करता हूं कि आग की घटना के बारे में जल्दी और सही जानकारी देनी चाहिए. अगर हमलोगों को थोड़ी और जल्दी आग की सूचना मिली होती तो हमलोग और अधिक लोगों की जान बचा सकते थे.
बता दें कि बताया जा रहा है कि जिस चार मंजिला इमारत में आग लगी है, वह रेहान नाम के शख्स की है. उसने पूरी बिल्डिंग को किराए पर दे दिया था. इस इमारत में फैक्ट्री बनी हुई है. इसमें प्लास्टिक से बैग बनाए जाते थे. इस मकान में बनी फैक्ट्री में 12 से 15 मशीनें लगी हैं. सूत्रों का कहना है कि यहां काम करने के बाद सभी मजदूर यहीं पर सो जाते थे. इमारत से बाहर निकलने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है.
सूत्रों के अनुसार, शॉर्ट सर्किट की वजह से दूसरी मंजिल के मुख्य दरवाजे के पास आग लगी थी. जिस समय फैक्ट्री में आग लगी उस वक्त मेन गेट का शटर बंद था और अंदर लोग आराम से सो रहे थे, जिससे वे लोग भाग नहीं सके. इस पर दम घुटने से 43 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए. सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मचारियों ने पीछे की खिड़की का जाल काटकर लोगों को रेस्क्यू किया. फैक्ट्री में एक ही गांव के करीब 30 लोग काम करने के बाद सो रहे थे.
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पुलिस के अनुसार, फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार और स्थानीय लोग घटनास्थल पहुंचे. आग की चपेट में आए लोगों के परेशान परिजन विभिन्न अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे थे. मृतकों और झुलसे लोगों को एलएनजेपी, हिंदू राव और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो