दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बताया जा रहा है कि यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ृ रहा है, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. बात करें मंगलवार सुबह की तो यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर हो गया है. इसके बाद आसपास के निचले इलाकों को खाली करा दिया गया है और जो इलाके खाली नहीं कराए गए हैं, उन्हें खाली कराने का काम जारी है.
यह भी पढ़ें: नामी कंपनियों के पैकेट में बंद यह देसी घी आपकी इज्जत और सेहत दोनों को धोखा दे रहा है
दिल्ली सरकार की मानें तो उसकी तरफ से बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने 27 गोताखोरों की टीम बनाई है और 42 रेस्क्यू बोट की तैनाती की है. बता दें 40 साल में हथिनी कुंड बैराज से अभी तक का सबसे ज्यादा पानी राजधानी दिल्ली में इस बार छोड़ा गया है, जिसके बाद दिल्ली में बाढ़ जैसी गंभीर समस्या के हालात पैदा हो सकते हैं. इसी के चलते सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई थी और आने वाले दो दिन दिल्ली के लिए बेहद नाजुक बताए थे. इसी के साथ उन्होंने ये भी बताया था कि यमुना का जलस्तर बढने से से 23,860 लोग प्रभावित होंगे जिनके लिए 2120 टेंट्स का इंतजाम किया गया है.
यह भी पढ़ें: यमुना एक्सप्रेस-वे से 30 फीट नीचे गिरी कार, 1 युवती समेत 4 लोगों की मौत
इसके अलावा बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है और डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम को तैनात किया गया है. जनाकारी के मुताबिक बाढ़ के खतरे को देखते हुए गीता कॉलोनी इलाके में कंट्रोल रूम भी बना दिया गया है. वहीं यमुना नदी पर लोहा पुल नाम के एक पुराने पुल को बंद कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज से अभी तक 8 लाख 28000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है.