केजरीवाल सरकार यमुना की सफाई को लेकर जागरुक हो गई है. इस दिशा में केजरीवाल सरकार ओखला में एशिया का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बना रही है, जहां हर दिन 564 मिलियन लीटर सीवेज का ट्रीटमेंट किया जा सकेगा. जल मंत्री आतिशी ने गुरुवार को इस परियोजना का निरीक्षण करने के लिए प्लांट का दौरा किया जो अपने अंतिम चरण में है. जल मंत्री आतिशी ने प्रोजेक्ट में देरी को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि इस साल के अंत तक प्लांट शुरू हो जाना चाहिए.
यमुना की सफाई के लिए गेम चेंजर साबित होगा ये प्लांट
इस मौके पर जल मंत्री आतिशी ने कहा, 564 एमएलडी क्षमता वाला यह प्लांट यमुना की सफाई की दिशा में गेम चेंजर साबित होने वाला है. उन्होंने कहा कि इस प्लांट के शुरू होने से प्रतिदिन करोड़ों लीटर सीवर सीधे यमुना में छोड़ने के बजाय उसे शोधित करके छोड़ा जाएगा. इस प्लांट के चालू होने के बाद गंदे पानी के बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड (BOD) स्तर को रिसर्च कर 10 तक लाया जा सकेगा. प्लांट से ट्रीटेड पानी न केवल यमुना को साफ करने में मदद करेगा, बल्कि अन्य चीजों के लिए भी उपयोगी होगा. नए टाइमलाइन के साथ साल के अंत तक बचा हुआ काम पूरा किया जाए, हर सोमवार प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी जाए.
प्रोजेक्ट की देरी पर नाराज दिखी जल मंत्री
इस विजिट के दौरान जलमंत्री ने पाया कि प्रोजेक्ट तय डेडलाइन से पीछे चल रहा है, इस पर जल मंत्री नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा कि, नए टाइमलाइन के साथ साल के अंत तक बचा हुआ काम पूरा किया जाए, और हर सोमवार को उन्हें इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी जाए. उन्होंने कहा कि यमुना को साफ करने की दिशा में ये प्लांट बेहद महत्वपूर्ण है, ऐसे में इसके निर्माण में अब एक दिन की भी देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि यमुना की साफ करना हमारी प्राथमिकता है.
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इस परियोजना से 40 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
इस प्लांट के जरिए 40 लाख लोगों को लाभ मिलेगा क्योंकि ये दिल्ली की एक बहुत बड़ी आबादी क्षेत्र के सीवेज को ट्रीट करने का काम करेगा. ये प्लांट एशिया का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जो अकेले दिल्ली के 15 से 20% सीवेज को शोधित करेगा. शोधित होने के पश्चात पानी का बीओडी इस स्तर पर पहुंचेगा जिसका इस्तेमाल बागवानी सहित विभिन्न कार्यों में किया जा सकेगा.
Source : News Nation Bureau