दिल्ली सरकार स्कूली शिक्षा पर एक अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है. आगामी 11 से 17 जनवरी, 2021 तक दिल्ली शिक्षा सम्मेलन 2021 होगा. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की. उन्होंने सम्मेलन के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि टीकाकरण की तैयारियों की तरह हमें कोरोना पश्चात काल में स्कूल खोलने की भी योजना बनानी होगी. उन्होंने सम्मेलन की वेबसाइट भी लांच की. सम्मेलन में भारत तथा छह अन्य देशों के 22 शिक्षा विशेषज्ञ स्कूली शिक्षा के विभिन्न विषयों पर विचार रखेंगे. इनमें भारत, फ़िनलैंड, इंग्लैंड, जर्मनी, सिंगापुर, नीदरलैंड और कनाडा के विशेषज्ञ शामिल होंगे.
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 और स्कूल बंद होने के कारण बच्चों के शिक्षा को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसलिए अब स्कूल खोलने और पढ़ाने के तरीके पहले के जैसे ही नहीं रह सकते. हम स्कूलों को फिर से खोलने दौरान बच्चों के शैक्षणिक नुकसान की हर संभव भरपाई पर विचार मंथन करना होगा, जो हम इस सम्मेलन के माध्यम से कर रहे हैं. कोरोना के प्रभाव के साथ ही नई शिक्षा नीति के आलोक में शैक्षणिक रणनीति पर इस सम्मेलन में चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर में शिक्षा के सर्वोत्तम प्रयोगों से सीखने के साथ ही देश के अन्य स्तकेहोल्डर्स के साथ सहयोग की संभावनाओं का पता भी लगाना है. दिल्ली की शिक्षा-क्रांति के पांच साल के अनुभवों को भी वैश्विक आलोक में देखते हुए आगे की रणनीति बनाने का लक्ष्य है. इस सम्मेलन को दुनिया के जाने-माने शिक्षा विशेषज्ञ संबोधित करेंगे.
सम्मेलन 11 जनवरी को शुरू होगा. इसमें बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा विगत पांच साल में दिल्ली के शिक्षा सुधारों पर स्वतंत्र स्टडी की रिपोर्ट भी जारी की जाएगी. इसके बाद लूसी क्रेहान का की-नोट लेक्चर होगा. उन्होंने पांच देशों की शिक्षा प्रणाली का गहन अध्ययन करके ‘क्लेवर लैंड्स‘ नामक चर्चित पुस्तक लिखी है.
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12 से 16 जनवरी 2021 तक प्रतिदिन दो घंटे का ऑनलाइन पैनल डिस्कसन होगा. इसमें भारत तथा अन्य छह देशों के विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे. इसमें शैक्षणिक पाठ्यक्रम, शिक्षा शास्त्र, शिक्षा प्रशासन के साथ ही शिक्षा की बुनियाद, शिक्षकों के व्यावसायिक विकास, स्कूल प्रबंधन और शिक्षा संबंधी अन्य विषयों पर चर्चा होगी. साथ ही, नई शिक्षा नीति ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधारों की सिफारिश की है. इसे ध्यान में रखते हुए हमें कोविड-19 के बाद के दौर में स्कूली शिक्षा में जरूरी सुधार पर गहन विचार करना होगा.
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सम्मेलन के 22 विशेषज्ञों में प्रो. लैंट प्रिटचेट (हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के पूर्व प्राध्यापक, अब ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय), डॉ. सेबेस्टियन सुगेट (जर्मनी की रिगेन्सबर्ग यूनिवर्सिटी में शिक्षा विभाग की सीनियर लेक्चरर) के नाम प्रमुख हैं. इसी तरह, डॉ विमला रामचंद्रन (प्रसिद्ध शिक्षाविद), डॉ रुक्मिणी बनर्जी (सीईओ, प्रथम), यामिनी अय्यर (सीईओ, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च), प्रो. विनीता कौल (बाल शिक्षा की विशेषज्ञ) जैसे विद्वान अलग-अलग पैनल में बोलेंगे. सम्मेलन का समापन 17 जनवरी को होगा जिसमें सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए व्यापक साझेदारी के निर्माण की भावी रणनीति पर चर्चा होगी.
Source : News Nation Bureau