दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर (Corona 2nd Wave) की रफ्तार भले ही धीमी पड़ चुकी है. लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है. कोरोना (COVID-19) से बचाव के लिए जो वैक्सीनेशन (Vaccination) चलाया जा रहा है उसकी रफ्तार भी थम चुकी है. और इसका सबसे बड़ा कारण है वैक्सीन की कमी (Vaccine Shortage). वैक्सीन की किल्लत को दूर करने के लिए अब दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने बड़ा कदम उठाया है. दिल्ली सरकार अब विदेशी वैक्सीन को खरीदने वाली है. इसके लिए सरकार ग्लोबल टेंडर (Global Tender for Vaccine) भी जारी करने वाली है. जानकारी के मुताबिक इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. दिल्ली सरकार ने इसके लिए विज्ञापन जारी कर निविदाएं आमंत्रित कीं हैं.
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले बताया था कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) के मैन्युफैक्चरर्स से दिल्ली सरकार की बात हो चुकी है. स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) के मैन्युफैक्चरर्स ने टीकों की सप्लाई को लेकर सहमति जताई है. हालांकि अभी टीकों की सप्लाई की मात्रा को लेकर फैसला नहीं हो सका है. इससे पहले मॉडर्ना और फाइजर जैसी विदेशी वैक्सीन कंपनियों ने सीधे राज्यों को सप्लाई करने से इनकार कर दिया था. दिल्ली के अलावा पंजाब को भी दोनों कंपनियों ने वैक्सीन की सप्लाई से इनकार कर दिया था.
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केंद्र पर AAP विधायक ने लगाए गंभीर आरोप
वैक्सीन को लेकर केंद्र और आम आदमी पार्टी के बीच तकरार सामने आ रही है. AAP विधायक आतिशी ने केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने केंद्र पर वैक्सीन घोटाला करने का भी आरोप लगाया है. यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि वैक्सीन कंपनियां राज्य सरकारों को वैक्सीन नहीं दे रही हैं. AAP विधायक ने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल में महंगे दाम में युवाओं का धड़ल्ले से वैक्सीनेशन किया जा रहा है. एक डोज की वैक्सीन के 1000 से 1300 रूपए तक लिए जा रहे हैं. इसका अर्थ है कि एक परिवार में अगर परिवार में 5 सदस्य हैं तो 2 डोज का एक परिवार का 10 से 15 हजार का खर्चा है. केंद्र सरकार से पूछना चाहते हैं कि ये कैसा घोटाला है?
HIGHLIGHTS
- वैक्सीन को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार में तकरार
- आप विधायक ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
- दिल्ली में वैक्सीन की कमी से 18+ का वैक्सीनेशन रुका