दिल्ली की अरविंद केजरीवाल नेशनल वॉर म्यूजियम निर्माण से प्रभावित 784 लोगों को घर देने की तैयारी में है. सरकार की एजेंसी डीयूएसआईबी ने इंडिया गेट के पास प्रिंसेस पार्क के 784 निवासियों को पुनर्वासित करने का फैसला किया है, ताकि रक्षा मंत्रालय की इस भूमि का इस्तेमाल राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय एवं स्मारक के निर्माण के लिए किया जा सके. सरकार की ओर से बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) की बैठक में उसके आश्रय गृहों में रह रहे बेघर लोगों को आगामी सर्दियों का मौसम समाप्त होने तक एक दिन में तीन बार मुफ्त भोजन प्रदान करना जारी रखने का भी निर्णय लिया गया, जिसका वार्षिक खर्च 15.31 करोड़ रुपए होगा. बोर्ड मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद से ही उसके आश्रय गृहों में रह रहे बेघर लोगों को एक दिन में तीन बार मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रहा है.
डीयूएसआईबी आश्रय गृहों में नाश्ता, दोपहर का खाना और रात के भोजन की व्यवस्था करने का वार्षिक खर्च 15.31 करोड़ रुपए है. बयान में कहा गया, 'बोर्ड ने प्रिंसेस पार्क (इंडिया गेट के पास) में रहने वाले 784 लोगों के पुनर्वास का फैसला किया है, ताकि रक्षा मंत्रालय इस भूमि पर राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय एवं स्मारक का निर्माण कर सके.'
बयान के मुताबिक, इन परिवारों को एक से डेढ़ साल के लिए सेक्टर16बी द्वारका स्थित शिविरों में पुनर्वासित किया जाएगा. इनके अलावा करोल बाग में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लगभग 350 परिवारों को भी शिविरों में पुनर्वासित किया जाएगा. पुनर्वासित लोगों को करोल बाग क्षेत्र के देव नगर में बनाए जा रहे फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.