राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘आप’ सरकार और केंद्र को कोविड-19 रोगियों के लिए बिस्तर और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जलान ने यह निर्देश जारी किया. दरअसल, इससे पहले दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि नौ जून तक शहर में कोविड-19 रोगियों के लिये 9,179 बिस्तर थे और इनमें से 4,914 बिस्तर भरे हुए हैं, जबकि शेष बिस्तर उपलब्ध हैं.
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दिल्ली सरकार ने पीठ से यह भी कहा कि कुल 569 वेंटिलेटर हैं, जिनमें से 315 का उपयोग किया जा रहा है, जबकि शेष उपलब्ध हैं. पीठ ने 11 जून को जारी और शनिवार को उपलब्ध कराए गए अपने आदेश में कहा कि स्थिति की गंभीरता पर विचार करते हुए, हमने प्रतिवादियों (केंद्र और दिल्ली सरकार) को कोविड-19 रोगियों के लिए बिस्तर की संख्या बढ़ाने तथा वेंटिलेटर की संख्या भी बढ़ाने का निर्देश दिया है, ताकि सभी जरूरतमंद संक्रमित रोगियों को ये सुविधाएं मिल सकें.
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अदालत ने यह भी कहा कि वह उम्मीद करती है कि दिल्ली में सभी अस्पताल बिस्तरों की उपलब्धता के बारे में ‘रियल टाइम’ (वास्तविक समय का) डेटा जारी करेंगे, ताकि लोग समय रहते यह जान सकें कि कोविड-19 से संक्रमित होने पर उन्हें कहां जाना है. अधिवक्ता मृदुल चक्रवर्ती के मार्फत दायर कई वकीलों की एक संयुक्त याचिका का निस्तारण करते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया.