( रिपोर्टर - सुशील पांडेय )
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में प्रशासन देखने वाले निकाय को अहम आदेश दिया कि वह कुत्ते के हमले में मारे गए 5 महीने के दुधमुंहे बच्चे के परिवार को ढाई लाख रुपये का मुआवजा राशि दे... मामले में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर मुद्दा है जो मानव जीवन और सम्मान दोनों को प्रभावित कर रहा है...दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में सहानुभूतिपूर्ण रुख अपनाया और मुआवजा रकम देने आदेश दिया.... दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड यह स्पष्ट नहीं करता है कि जिस कुत्ते ने दुधमुंहे बच्चे को काटा वह आवारा कुत्ता था या पट्टे वाला कुत्ता था जिसे उसके मालिक ने छोड़ दिया था....
जज के द्वारा की गई टिप्पणी दिल छूने वाली
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा आवारा कुत्तों का खतरा मानव जीवन और सम्मान को प्रभावित करता है. इस मामले के तथ्यात्मक परिदृश्य अलग होने के बावजूद यहां ये देखना सही होगा कि दिल्ली में आवारा कुत्तों का आतंक मानव जीवन और गरिमा को प्रभावित करने वाला एक गंभीर मुद्दा है. इसमें कोई शंका नहीं कि मनुष्यों और कुत्तों के बीच का रिश्ता कभी- कभी करुणा और निस्वार्थ प्रेम का होता है...
खतरे का प्रबंधन करने का प्रयास जरूरी
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा जिम्मेदार अधिकारियों को मनुष्यों और कुत्तों दोनों की रहने की स्थिति में संतुलन सुनिश्चित करने के लिए समान करुणा के साथ खतरे का प्रबंधन करने का प्रयास करना चाहिए... यह नहीं कहा जा सकता है कि इस मुद्दे को बहुआयामी प्रतिक्रिया की आवश्यकता है.. सहानुभूति और संतुलित सह-अस्तित्व के माहौल को बढ़ावा देना चाहिए...
वह दिल दहला देने वाली घटना
अदालत ने यह आदेश बच्चे की मां की याचिका पर सुनाया जिसने 2007 में उसके पांच महीने के बच्चे के कुत्ते के हमले में मारे जाने पर 50 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया था. घटना सुबह के समय तब हुई जब याचिकाकर्ता के दुधमुंहे बच्चे सहित उसके तीन बच्चे मकान में सो रहे थे तभी कुत्ता कमरे में दाखिल हुआ और बच्चे पर हमला कर दिया था...