दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की शाखा दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) को राहत देते हुए मध्यस्थता पुरस्कार राशि का भुगतान करने की योजना तैयार करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया है. भारत के महान्यायवादी आर. वेंकटरमानी ने न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव की पीठ को अवगत कराया कि डीएएमईपीएल को मध्यस्थता पुरस्कार का भुगतान करने के लिए ऋण जुटाने खातिर डीएमआरसी कर्ज जाल में फंस जाएगा, जिससे इसका संचालन प्रभावित होने की आशंका है और लोगों के लिए समस्या पैदा हो सकती है.
एजीआई वेंकटरमानी ने अदालत के समक्ष कहा, यदि डीएमआरसी के खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है तो लाखों यात्रियों को नुकसान होगा.
वैकल्पिक उपायों की मांग करते हुए एजीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से यह भी कहा कि उसने केंद्र और दिल्ली सरकार से डीएएमईपीएल को शेष भुगतान करने के लिए धन के संबंध में अनुरोध किया था.
डीएमआरसी ने केंद्र और दिल्ली सरकार से 3,500 करोड़ रुपये की मांग की है.
डीएमआरसी का कहना है कि उसने डीएएमईपीएल को 7,010.08 करोड़ रुपये में से 2,599.17 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो 6 सितंबर तक अनिल अंबानी समूह की फर्म का बकाया है.
दूसरी ओर, डीएएमईपीएल ने तर्क दिया कि हर बार दिल्ली मेट्रो अलग-अलग राय और अस्पष्ट कारणों वाले हलफनामे दाखिल कर रहा है और अब कई महीने बीत चुके हैं.
डीएएमईपीएल के वकील ने पूछा, सवाल उठता है कि क्या उन्हें पैसे का भुगतान करना है या नहीं, क्या मध्यस्थ पुरस्कार के निष्पादन आदेश को निष्पादित किया जाएगा या नहीं.
इस पर एजीआई ने कहा, आदेशों के निष्पादन के बारे में कोई संदेह नहीं होगा और दिल्ली मेट्रो की असाधारण परिस्थितियों की ओर इशारा किया.
अदालत ने कहा, भुगतान पर स्पष्ट समाधान के साथ डीएमआरसी को अगले कार्य दिवस में आने दें और आगे की सुनवाई की तारीख 31 अक्टूबर तय की जाए.
Source : IANS