दिल्ली सरकार की डोर स्टेप राशन डिलीवरी योजना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी दिल्ली सरकार को अपनी डोर-टू-डोर राशन की डिलीवरी की योजना का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजने को कहा था. पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना लागू करने की सशर्त इजाजत दी थी. राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को लेकर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी समय से टकराव चल रहा था. जहां केजरीवाल सरकार राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना लागू करने पर अड़ी थी तो वहीं एलजी और केंद्र सरकार इसके खिलाफ थे.
आपको बता दें कि डीलर्स संघ ने दायर याचिका में मांग की थी कि भारतीय खाद्य निगम को सख्ती से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दें कि दिल्ली सरकार को पीडीएस के तहत खाद्यान्न की आपूर्ति खाद्य, सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत तय मानकों के अनुसार हो. याचिकाकर्ताओं के इस तर्क का भी केंद्र सरकार ने समर्थन किया था कि उचित मूल्य की दुकानें खाद्य सुरक्षा अधिनियम का अभिन्न अंग हैं, जो डोर स्टेप राशन डिलीवरी स्कीम चालू होने से बर्बाद हो जाएंगे.
इस योजना का बचाव करते हुए दिल्ली सरकार ने कहा था कि डोर स्टेप डिलीवरी योजना से राशन वितरण की लंबी प्रक्रिया में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा. इस मामले में सरकार ने केंद्र से सवाल किया था कि अगर राज्य जीरो कॉस्ट पर राशन देने के लिए तैयार है और 90 प्रतिशत जनता चाहती है तो केंद्र को इससे कोई दिक्कत क्यों है?
Source : News Nation Bureau