दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने आज सदस्यों (जल) और डीजेबी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की. जिसमें ग्रीष्मकालीन कार्य योजना 2021 की तैयारी की समीक्षा की गई. ताकि दिल्लीवासियों को गर्मी में पानी के संकट का सामना न करना पड़े. योजना अगले महीने की शुरुआत में दिल्ली के लोगों के सामने पेश की जाएगी. राघव चड्ढा ने कहा कि कि गर्मियों के लिए एक्शन प्लान, एक अच्छी तरह से सोची समझी कार्य योजना है. दिल्ली जल बोर्ड को उपलब्ध संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने और उपभोक्ताओं के लिए क्या-क्या है इसके बारे में जानकारी देने के लिए बनायी गई है.
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अरविंद केजरीवाल सरकार के कल्याणकारी उपायों को ध्यान में रखते हुए डीजेबी, दिल्ली के लोगों के लिए एक व्यापक योजना पर काम कर रहा है. जिससे लोगों को पानी से संबंधित समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. मुझे उम्मीद है कि सामूहिक प्रयासों से दिल्लीवासियों पर्याप्त पानी की आपूर्ति में मदद मिलेगी. राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में संवेदनशील क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए कुशल योजना पर कार्य किया जा रहा है. इसके जरिए बेहिसाब पानी की खपत को कम करने, पानी की वृद्धि के लिए ठोस रणनीति, सूखे क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति, पाइप जल नेटवर्क को बढ़ाने सहित कई क्षेत्रों में काम किया जा रहा है ताकि आगामी गर्मियों में पानी की कमी का सामना न करना पड़े.
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दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि पानी को लेकर हर संभव आकस्मिक चुनौतियों को लेकर तैयारी करनी होगी. गर्मियों में हर बार पानी की मांग सामान्य रूप से बढ़ जाती है. डीजेबी मांग को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. पानी की आपूर्ति और उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए दिल्ली जल बोर्ड सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करेगा. इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दिल्लीवासियों को इस साल किसी भी तरह के जल संकट का सामना न करना पड़े.
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दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से उठाए गए कदम
पानी की मांग में बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के सभी रखरखाव प्रभागों ने विस्तृत कार्य योजना तैयार की है. डीजेबी ने पाइपलाइनों के अंर्त-संबंधो, डेड एंड्स को हटाने, पुरानी पाइपलाइनों को बदलने सहित अन्य क्षेत्र में कार्य पूरे कर लिए हैं. राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली भर में कुछ ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जहां पर पानी की कमी है. ऐसे क्षेत्रों को आने वाली गर्मियों में पानी के संकट का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया जाएगा.
दिल्ली जल बोर्ड ने पानी भरने वाले स्थान पर टैंकर भरने की क्षमता को बेहतर कर टैंकर सेवाओं में सुधार लाने पर भी काम शुरू कर दिया है. निर्धारित आपूर्ति वाले स्थानों पर पानी के टैंकरों की तैनाती के लिए एक व्यापक योजना पर काम किया जा रहा है. डीजेबी भी तय सीवेज उपचार के लक्ष्य को हासिल करने की ओर अग्रसर है.
राघव चड्ढा ने कहा दिल्ली भर में विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त ट्यूबवेल स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है. इससे अधिक कॉलोनियों में जलापूर्ति हो सकेगी.
उपाध्यक्ष ने कहा कि पहले से ही चल रहे प्रयासों के अलावा हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी पानी भरने वाले स्थानों पर शून्य जल अपव्यय के साथ काम करें. पानी भरने वाले स्टेशनों से पानी के टैंकर भरकर जरूरत वाले क्षेत्रों में जाते हैं. ऐसे में पानी आपूर्ति के पहले स्थान का समस्या-मुक्त होना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि विभिन्न संयंत्रों और प्रयोगशालाओं में डीजेबी के इंजीनियर बहुत मुश्किल काम कर रहे हैं. लेकिन गर्मियों में पानी की मांग में बढ़ोतरी वास्तविकता है, जिससे हम मुंह नहीं मोड़ सकते. इसलिए हमें दिल्ली में प्रतिदिन बढ़ती पानी की मांग को पूरा करने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने होंगे. दिल्ली के भूजल स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण के लिए भी हमें अपने स्तर पर क्रांतिकारी कदम उठाने होंगे.
पारदर्शिता के लिए जवाबदेही सौंपना
शहर के सभी हिस्सों में पानी आपूर्ति को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर डीजेबी के आपातकालीन नियंत्रण कक्ष हैं. ये कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम करते हैं. दिल्ली जल बोर्ड ने नियंत्रण कक्षों पर प्रभावी ढंग से निगरानी और पानी की आपात स्थिति की निगरानी के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्ति किया है, ताकि जनता की शिकायतों का समाधान किया जा सके. डीजेबी का प्रवर्तन विभाग नियंत्रण कक्ष और उपभोक्ता के स्तर पर शिकायतों का जल्द निवारण सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से औचक निरीक्षण करेगा.
डीजेबी ने सभी संयंत्रों और पंपिंग स्टेशनों पर कीटाणुनाशक, स्पेयर पंप और मोटर्स आदि के स्टॉक की स्थिति की भी समीक्षा की गई है. गर्मियों के मौसम में साफ पानी की कुशल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण वस्तुओं के स्टॉक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.
संकट को अवसर में बदलना
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की अनुसंधान प्रयोगशाला नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक अध्ययन के अनुसार दिल्ली का भूजल स्तर प्रति वर्ष 10 सेंटीमीटर की खतरनाक दर से घट रहा है. दिल्ली की बढ़ती आबादी 2025 तक ढ़ाई करोड़ से अधिक पहुंचने का अनुमान है. जिससे पानी की जरुरत 1140 एमजीडी तक बढ़ जाएगी. नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 21 शहरों में पानी की भारी कमी हो सकती है. जिसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद शामिल हैं.
राघव चड्ढा ने कहा कि पिछले दो दशकों में वर्षा जल संचयन में भारी निवेश करने के बावजूद चेन्नई को कम उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ा. हम सभी पानी के महत्व और आवश्यकता को देखते हुए कोई भी जोखिम नहीं उठा सकते हैं. जैसे-जैसे दिन गुजरेंगे पानी की मांग भी बढ़ने वाली है.
उन्होंने कहा कि एक पैनी बचाना एक पैनी कमाने की तरह है. सावधानीपूर्वक ऑडिट करने के बाद पानी के नुकसान वाले स्थानों की पहचान की गई है. जिसे बचाने के लिए उपयुक्त उपाय किए जा रहे हैं. इससे हमारी जल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
नियंत्रण और संतुलन
जलापूर्ति के पानी की गुणवत्ता की पर्याप्त निगरानी सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड अपने जल विज्ञान प्रयोगशालाओं के उन्नतिकरण पर काम कर रहा है. डीजेबी ने समय-समय पर जल संरक्षण को प्रोत्साहित किया है. दिल्ली जल बोर्ड द्वारा समय-समय पर गैर-पीने योग्य शोधित पानी को सिंचाई, बागवानी, शीतलन संयंत्रों, निर्माण उद्योगों में इस्तेमाल करने को लेकर जनसूचनाएं जारी की हैं.
नागरिकों से सहयोग
राघव चड्ढा ने उपभोक्ताओं के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि डीजेबी लगातार शहर की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रहा है. ऐसे में दिल्ली के नागरिकों से पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने और जल संरक्षण के कुशल तरीकों को अपनाने की अपील करता हूं.
राघव चड्ढा, गर्मी की मांग के बावजूद दिल्ली के सभी निवासियों के लिए एक स्थायी और व्यवहारिक जल प्रणाली की आवश्यकता को लेकर दृढ़ थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली के कल्याण के लिए हम उपलब्ध जल संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल को लेकर कार्य करते हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड मेंभी संभव कदम उठा रहे हैं.
Source : News Nation Bureau