उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में हुई हिंसा में उपद्रवियों द्वारा करावल नगर की मस्जिद को नुकसान पहुंचाया गया था. इसका फिर से निर्माण पूरा हो चुका है. मौलाना सैयद अरशद मदनी के विशेष निर्देश पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने दूसरी मस्जिदों के साथ इस मस्जिद की मरम्मत कराई. इसके बाद से इस मस्जिद में अब लोग फिर से नमाज पढ़ने के लिए आने लगे हैं. अनलॉक के बाद जमीयत उलमा की रिलीफ टीम ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों मे सर्वे किया और उस आधार पर दो चरणों मे काम किया. इसमें 55 मकान और दो मस्जिदों का फिर से निर्माण कराया है. बाकी 45 मकानों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है जो आज दंगा पीड़ितों को सौंप दिए गए हैं.
हालांकि तीसरे चरण में अब जमीअत उलमा का यह प्रयास है कि दंगों में गिरफ्तार निर्दोष लोगों की कानूनी सहायता की जाए. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा, "जमीअत ने धर्म और जात-पात से ऊपर उठकर प्रभावितों की सहायता की है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. वहीं जमीयत उलमा-ए-हिंद सहायता और कल्याण का काम धर्म देखकर नहीं करती, बल्कि मानवता के आधार पर करती है."
उन्होंने कहा, "दिल्ली के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में फरवरी में हुआ दंगा बहुत भयानक और सुनियोजित था, इसमें पुलिस और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध रही है ,जिसके कई वीडियो वायरल भी हुए हैं. पूर्व नियोजित दंगे की जिम्मेदारी से केंद्र सरकार बच नहीं सकती, क्योंकि दिल्ली में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी उसी की है, लेकिन वो दंगों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है."
Source : IANS