Delhi : दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर विवाद बढ़ गया है. इस बार दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) पर निशाना साधा है. उन्होंने सीएम केजरीवाल और उनकी सरकार द्वारा अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए बार-बार हाईकोर्ट में झूठे बयान देने के लिए तीखी आलोचना की है. एलजी ने इस बात को भी गंभीरता से लिया है, जिसमें केजरीवाल सरकार ने 'विकलांग बच्चों के लिए विशेष स्कूलों के स्थानांतरण' मामले में HC में लगातार तथ्यों को छुपाकर झूठे बयान दिया है.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली की आप सरकार ने हाई कोर्ट को 18 नंवबर 2022 और 17 फरवरी 2023 को यह कहकर गुमराह किया कि इस केस से संबंधित फाइल उपराज्यपाल के पास पेंडिंग है, जबकि सच्चाई यह थी कि केजरीवाल सरकार ने अनावश्यक रूप से इस फाइल को खुद ही पेंडिंग रखा था. हकीकत यह है कि जानबूझकर सरकार/मंत्री स्तर पर महीनों तक इस फाइल को लंबित रखा गया और HC को दो बार गुमराह करने के 4 महीने बाद लिए 28 मार्च 2023 को उपराज्यपाल के पास भेजा गया था.
एलजी वीके सक्सेना ने आगे कहा कि इस पूरे मामले को उन्होंने गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली सरकार द्वारा कोर्ट को गुमराह करने और जानबूझकर दिए गए झूठे बयानों के खिलाफ दिल्ली HC में एक हलफनामा दाखिल करें और अदालत को मामले की तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराएं.
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उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले केजरीवाल की सरकार ने भी पशु कल्याण बोर्ड के पुनर्गठन के मामले में ऐसा ही किया था. सरकार ने उस समय इस केस से संबंधित फाइल को एलजी के पास कोर्ट में 15 दिसंबर 2022 को सुनवाई होने से सिर्फ एक दिन पहले (14 दिसंबर 2022) दिया था और HC में कहा था कि केस से संबंधित फाइल एलजी के पास कई दिनों से लंबित है. एलजी ने आप सरकार की इस झूठी प्रवृति पर कड़ा रुख अपनाते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल से कहा है कि दिल्ली के नागरिकों, मीडिया और यहां तक कि कोर्ट को भी गुमराह करने की आप सरकार ने 'दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय' प्रवृत्ति विकसित कर ली है.
HIGHLIGHTS
- उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना
- केजरीवाल सरकार ने अनावश्यक रूप से इस फाइल को खुद ही पेंडिंग रखा था