Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें सिसोदिया को आज भी राहत नहीं मिली. सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोर्ट ने 30 अप्रैल तक फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पहले उनकी जमानत याचिका पर 15 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी. ये भी पढ़ें: सहकर्मियों के साथ लंच कर रहे थे पिता, तभी बेटे ने ऑफिस पहुंचकर सुनाई UPSC पास करने की खुशखबरी, रुला देगा यह Video
इससे पहले सीबीआई ने दलील दी. सीबीआई के के वकील कि मुख्य आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. ईडी ने भी सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया. कोर्ट ने सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि कोर्ट ने 12 अप्रैल को सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर हफ्ते भर में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था.
सिसोदिया ने वापस ली अंतरिम जमानत याचिका
इसी के साथ मनीष सिसोदिया ने अपनी अंतरिम जमानत याचिका कोर्ट से वापस ले ली. बता दें कि सिसोदिया ने लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत मांगी थी. राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद 30 अप्रैल तक फैसला सुरक्षित रख लिया.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से पेश हुए वकील विवेक जैन ने अदालत को बताया कि सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका पर कोर्ट आज अपना फैसला सुरक्षित रख लेगा, ऐसे में सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी. वहीं कोर्ट ने कहा कि विवेक जैन की इस दलील के मद्देनजर कि सिसोदिया की अंतरिम जमानत निष्प्रभावी हो गई है, जिसका निपटारा किया जा सकता है. इसके बाद सिसोदिया ने अपनी अंतरिम जमानत याचिका को वापस ले लिया.
सीबीआई के वकीन ने दी दलील
वहीं सीबीआई के वकील ने दलील दी. उन्होंने जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट का हवाला देते हुए कहा कि सिसोदिया जमानत देने की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं. वकीन ने कोर्ट में कहा कि वो बराबरी के हकदार नहीं है. इस मामले में मुख्य आरोपित हैं.
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'इनका मकसद हल हो जाएगा'
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि सिसोदिया जमानत मिली तो आगे की जांच और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इस समय पर अगर जमानत दी तो निश्चित रूप से इनका मकसद हल हो जाएगा. बता दें कि मनीष सिसोदिया इससे पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा चुके हैं. लेकिन उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली. सीबीआई ने कहा कि जमानत मिलने पर वो गवाहों को प्रभावित करेंगे क्योंकि इस कोर्ट ने भी माना है कि वो मास्टरमाइंड हैं.