दिल्ली के मायापुरी में कबाड़ का कारोबार करने वाले कारोबारियों को हाईकोर्ट से सोमवार को कुछ राहत मिली. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और डीडीए को अगले आदेश तक कारोबारियों के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया. इस आदेश को सीलिंग की कार्रवाई और 812 दुकानों से एक-एक लाख रुपये जुर्माना वसूलने के नोटिस पर 26 अप्रैल तक रोक की तरह देखा जा रहा है.
जस्टिस विभू बाखरू ने यह अंतरिम आदेश मायापुरी के 11 कारोबारियों की ओर से दाखिल एक याचिका पर दिया. उन्होंने अंतरिम आदेश में कहा कि कारोबारियों के खिलाफ मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल तक होने से पहले किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करें. हालांकि, हाईकोर्ट ने कारोबारियों से कहा कि आपको यह राहत इसलिए दी जा रही ताकि आप अपने सामान वहां से हटा सके. याचिका में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के 2 अप्रैल के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है, जिसमें कबाड़ की गतिविधयों से पर्यावरण को हुए नुकसान के बदले कारोबारियों पर एक-एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति के तौर पर जमा कराने का आदेश है.
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कारोबारियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल ने हाईकोर्ट से प्रदूषण नियंत्रण समिति के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल के एनजीटी के आदेश पर समिति 13 अप्रैल को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों व दल-बल समेत कार्रवाई करने मायापुरी पहुंच गए. बिना किसी नोटिस वहां कार्रवाई की जाने लगी, जिससे हंगामा हो गया. इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण समिति ने कारोबारियों को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जगह खाली करने का नोटिस भेज दिया. इसलिए व्यापारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की.
कानून के जानकारों का कहना है कि अंतरिम निर्देश को व्यापारियों के लिए फौरी राहत के तौर पर देखा जा सकता है. इससे मान सकते हैं कि फिलहाल मायापुरी के कबाड़ मार्केट में सीलिंग की कार्रवाई नहीं होगी. हाईकोर्ट ने सरकार, प्रदूषण नियंत्रण समिति और डीडीए को अगली सुनवाई से पहले अपना-अपना जवाब देने को कहा है.
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वहीं दूसरी ओर, मायापुरी स्क्रैप मार्केट के व्यापारियों का एक समूह आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी पहुंचा. वहां मायापुरी में कबाड़ के कारोबार को बंद करने के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की, जिस पर ट्रिब्यूनल ने कहा कि हम इस मसले पर अब कुछ भी नहीं सुनेंगे, हमने पहले ही विस्तार से सुनवाई के बाद आदेश पारित कर चुके हैं. ट्रिब्यूनल ने कहा कि इसमें कोई नया कोई आदेश पारित नहीं किया है बल्कि संबंधित महकमों को सिर्फ 14 मई 2015 के आदेश को लागू करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि ट्रिब्यूनल ने तेजी से बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर 2015 में मायापुरी के कबाड़ के अवैध कारोबार को तत्काल बंद करने का आदेश दिया था. ट्रिब्यूनल ने अध्यक्ष जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने मायापुरी के कुछ कारोबारियों की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की थी.
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ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार के मुख्य सचिव, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अध्यक्ष और सदस्य सचिव को 3 मई को पेश होकर यह बताने के लिए कहा था कि ‘यदि मायापुरी में कबाड़ के कारोबार की अवैध गतिविधियां नहीं रोकी गई तो क्यों न उन पर मुकदमा चलाने और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं.’ साथ ही आदेश का पालन कर रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया था. ट्रिब्यूनल के इस आदेश के बाद 13 अप्रैल को अधिकारियों की टीम मायापुरी में कबाड़ की अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची गई थी, जिसके बाद वहां हंगामा हो गया था. पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तरफ से लाठीचार्ज हुआ था, व्यापारियों ने भी पुलिस बल पर हमला किया था. इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज है.
Source : News Nation Bureau