दिल्ली की लाइफ लाइन मेट्रो एक बार फिर से लोगों को झटका देने की तैयारी में है। इस साल मार्च और अक्टूबर में मेट्रो का किराया बढ़ाने से लोगों को खासा दिक्कतों का सामना पड़ा।
ऐसे में एक बार फिर से किराया बढ़ने की खबर ने लोगों को सोचने बार मजबूर कर दिया है कि वह मेट्रो में सफर करें या नहीं।
मेट्रो का किराया तय करने के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त चौथी किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) ने 'ऑटोमेटिक वार्षिक किराया समीक्षा' की भी सिफारिश की हैै। इसके तहत 7 फीसदी तक किराया बढ़ेगा। इस समीति के मुताबिक हर साल जनवरी में नए किराये में बढ़ोतरी को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा।
हाल ही आई खबर के माने तो अक्टूबर में किराए में बढ़ोतरी करने के बाद दिल्ली मेट्रो में हर रोज 3 लाख यात्रियों में कमी आई है। ऐसे में समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'यह ऑटोमेटिक किराया समीक्षा एक जनवरी 2019 से लागू होगी और अगली एफएफसी की सिफारिशों तक हर साल ऐसा होता रहेगा।'
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यह व्यवस्था अगली एफएफसी तक प्रभावी रहेगी। दिल्ली मेट्रो रेल प्राधिकरण (डीएमआरसी) ने भी इस व्यवस्था का प्रस्ताव रखा था।
बता दें मेट्रो के किराये में हाल ही में वृद्धि को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ टकराव के दौरान केंद्रीय आवासीय और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दावा किया था कि केंद्र एफएफसी की सिफारिशों से छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि ऐसा करना 'कानून सम्मत' नहीं है।
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HIGHLIGHTS
- चौथी किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) ने 'ऑटोमेटिक वार्षिक किराया समीक्षा' की भी सिफारिश की हैै, इसके तहत 7 फीसदी किराया तक बढ़ेगा
- इस समीति के मुताबिक हर साल जनवरी में नए किराये में बढ़ोतरी को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा।
Source : News Nation Bureau