Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है. जिसके चलते कमिशन फॉर एयर क्वालिटी इंडेक्स (CAQM) ने दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्टेज-IV (गंभीर+) लागू कर दिया है. इस बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि GRAP Stage IV को लागू करने में देरी क्यों की गई.
राजधानी में स्मॉग और वायु प्रदूषण का लेवल काफी उच्च स्तर पर पहुंच गया है. इसी को लेकर शीर्ष कोर्ट ने कहा कि एयर क्वालिटी के सुधरने का इंतजार करने की बजाय ग्रैप स्टेज-IV लागू करना चाहिए था. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह बिना कोर्ट की इजाजत के ग्रैप स्टेज-4 को नहीं हटा सकते. फिर भले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से नीचे ही क्यों न आ जाए.
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जानें क्या है GRAP?
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जब हवा की गुणवत्ता एक निश्चित सीमा से नीचे गिर जाती है तो इसे सुधारने और इससे अधिक खराब होने से रोकने के लिए कुछ आतापकालीन उपाय करने होते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में इन उपायों पर मुहर लगाई थी. उसके बाद साल 2017 में इन उपायों को अधिसूचित किया गया. बता दें कि यह योजना राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के साथ पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) की कई बैठकों के बाद तैयार की गई थी.
वायु की गुणवत्ता के स्तर के अनुसार इन उपायों को विभिन्न स्टेज में बांटा गया है. इनमें GRAP I स्टेज को तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'खराब' श्रेणी में यानी 201 से 300 के बीच होता है. जबकि ग्रैप स्टेज II को तब सक्रिय किया जाता है जब यह 'बहुत खराब' श्रेणी यानी 301-400 के बीच होता है.
वहीं ग्रैप स्टेज III को तब सक्रिय किया जाता है जब एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी यानी 401-450 के बीच होता है. जबकि ग्रैप की आखिरी स्टेट IV होती है जिसे तब लागू किया जाता है जब वायु प्रदूषण 'गंभीर+' श्रेणी यानी 450 से ऊपरर निकल जाता है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर में ग्रैप स्टेज IV लागू किया गया है.
ये हैं ग्रैप स्टेज IV के तहत पाबंदियां
वायु प्रदूषण के 'गंभीर+' श्रेणी में पहुंचने के बाद ग्रैप स्टेज IV लागू किया जाता है. जिसके तहत दिल्ली में ट्रकों की एंटी रोक दी जाती है. हालांकि इस दौरान वे ट्रक दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं जो जरूरी सामान को पहुंचाते हैं. यानी आवश्यक चीजों की सप्लाई करने वाले ट्रक दिल्ली में आ सकते हैं. इस दौरान सभी प्रकार के LNG/CNG/इलेक्ट्रिक/BS-VI डीजल ट्रक्स को भी दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होती है.
जबकि दिल्ली से बाहर रजिस्टर लाइट कमर्शियल वाहनों को इस दौरान दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाता. हालांकि, EVs/CNG/BS-VI डीजल वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होती है. इसके साथ ही जरूरी सामान और जरूरी सर्विसेज देने वाले वाहन भी दिल्ली में आ सकते हैं. वहीं जरूरी वस्तुओं को ले जाने वाले/जरूरी सेवाएं देने वाले वाहनों को छोड़कर, दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV और इससे नीचे डीजल से चलने वाले मीडियम गुड्स व्हीकल (MGVs) और हैवी गुड्स व्हीकल (HGVs) को चलाने पर सख्त प्रतिबंध लागू होता है.
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ग्रैप स्टेज III के तहत लगने वाली पाबंदिया
वहीं दिल्ली में जब ग्रैप स्टेज III लागू किया जाता है तब राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवरों, ओवरब्रिजों, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइनों, टेलीकम्यूनिकेशन्स आदि जैसे पब्लिक प्रोजक्ट्स के निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है. इस दौरान एनसीआर में आने वाले राज्यों की सरकारें और दिल्ली सरकार 6-9 और 11वीं तक की सभी क्लासेज को बंद कर ऑनलाइन मोड में संचालित करते हैं. साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की राज्य सरकारें/दिल्ली सरकार सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों में आधे लोगों को ऑफिस जबकि बाकी लोगों को घर से काम करने की अनुमति दी जाती है.
इसके साथ ही केंद्र सरकार केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की अनुमति देने पर सही फैसला करने का निर्णय लेती है. वहीं राज्य सरकारें कॉलेजों/शैक्षिक संस्थानों को बंद करने और नॉन-इमरजेंसी कमर्शियल एक्टिविटीज बंद करने, रजिस्ट्रेशन नंबर के सम-विषम (इवन-ऑड) आधार पर वाहनों को चलाने की अनुमति देने पर विचार करते हैं. वहीं इन उपायों को सफल बनाने के लिए नागरिकों के सहयोग की जरूरत होती है. ऐसे में, लोगों को सिटिजन चार्टर का पालन करना जरूरी होता है. जिससे GRAP के उपायों से फायदा उठाया जा सके. साथ ही छोटे बच्चों और बुजुर्गों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है.