देश की राजधानी दिल्ली और पूरे एनसीआर में प्रदूषण ने लोगों के नाक में दम कर दिया है. इन हालातों पर काबू पाने के लिए यहां ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (ग्रैप) के स्टेज 3 लागू हो चुका है. इसके तहत एनसीआर के अंदर अब बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों के साथ-साथ बिल्डर प्रोजेक्ट पर, सड़क निर्माण पर और अन्य निर्माण परियोजनाओं को पूरी तरह से रोक दिया जाएगा. इतना ही नहीं पूरे दिल्ली एनसीआर में तकरीबन साढ़े 5 लाख वाहनों की रफ्तार पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर 5 लाख वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया है.
नहीं होंगे निर्माण कार्य
एनसीआर में ग्रैप 3 के नियम लागू होने के बाद से यहां निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. यहां सिर्फ अति आवश्यक जगह जिनमें, एयरपोर्ट, अस्पताल, एलिवेटेड रोड और एसटीपी प्लांट परियोजनाओं के लिए कार्य जारी रहेंगे. इसके साथ-साथ राजधानी दिल्ली का रुख करें तो वहां पर एक्यूआई के 400 पर हो चुका है जिसके बाद प्राइमरी से कक्षा 5 तक के स्कूलों को बंद कर दिया है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि ऑनलाइन मोड पर ही बच्चों की पढ़ाई जारी रखी जाए. हालांकि एनसीआर में नोएडा और गाजियाबाद में अभी भी स्कूलों का परिचालन ऑफलाइन मोड पर जारी है, लेकिन यहां पर एहतियात के तौर पर आउटडोर एक्टिविटी पर पाबंदी लगा दी गई है.
सांस लेने में नहीं है कोई तकलीफ
नोएडा और गाजियाबाद में फिलहाल, दिल्ली की तरह हालात इतने खराब नहीं हुए हैं. यहां एक्यूआई कई इलाकों में 300 के पार बेशक पहुंच गया है, लेकिन कई इलाके ऐसे भी हैं जहां पर अभी भी लोग राहत की सांस लेते दिखाई दे रहे हैं. मौसम विभाग के एक्सपर्ट्स की मानें तो आगामी दिनों में और भी ज्यादा हालत खराब होने के आसार दिखाई दे रहे हैं.
बताया जा रहा है कि इस धुंध और प्रदूषण के बढ़ने का कारण और पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद मैदान में अचानक तापमान में गिरावट देखी गई है. इसके साथ ही हवा की गति में भी धीमी हो चुकी है और नमी बढ़ती जा रही है. इस वजह से धुंध की यह चादर पूरे एनसीआर में दिखाई देती है.
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