Delhi Office Timings: दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में प्रदूषण ने हाहाकार मचा रखा है. यहां दमघोटू हवा ने पूरी राजधानी को एक गैस चैंबर बना दिया है. हालांकि सरकार ने वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव का फैसला लिया था, जिसके बाद अब सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. एलजी वीके सक्सेना ने इसे फरवरी 2025 तक के लिए लागू करने की मंजूरी दे दी है.
ये रहेगी सरकारी दफ्तर की टाइमिंग
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी): सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक.
दिल्ली सरकार के कार्यालय: सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक.
केंद्र के कार्यलयों पर क्या है फैसला
वहीं दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के कार्यालयों के लिए भी समय में बदलाव प्रस्तावित किया था, जिसके अनुसार केंद्र सरकार के कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुलने का समय किया गया था. मगर इस पर केंद्र सरकार आदेश जारी करेगी.
जारी है ग्रैप 4
बता दें, राजधानी दिल्ली में मंगलवार से ग्रेप 4 के प्रावधान लागू हो चुका है. जब वायु प्रदूषण के 'गंभीर+' श्रेणी में पहुंच जाती है तब इसे लागू किया जाता है. इसके तहत दिल्ली में ट्रकों की एंटी रोक दी जाती है. हालांकि इस दौरान वे ट्रक दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं जो जरूरी सामान को पहुंचाते हैं. यानी आवश्यक चीजों की सप्लाई करने वाले ट्रक दिल्ली में आ सकते हैं. इस दौरान सभी प्रकार के LNG/CNG/इलेक्ट्रिक/BS-VI डीजल ट्रक्स को भी दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होती है.
जबकि दिल्ली से बाहर रजिस्टर लाइट कमर्शियल वाहनों को इस दौरान दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाता. हालांकि, EVs/CNG/BS-VI डीजल वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होती है. इसके साथ ही जरूरी सामान और जरूरी सर्विसेज देने वाले वाहन भी दिल्ली में आ सकते हैं. वहीं जरूरी वस्तुओं को ले जाने वाले/जरूरी सेवाएं देने वाले वाहनों को छोड़कर, दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV और इससे नीचे डीजल से चलने वाले मीडियम गुड्स व्हीकल (MGVs) और हैवी गुड्स व्हीकल (HGVs) को चलाने पर सख्त प्रतिबंध लागू होता है.
जानें क्या है GRAP?
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जब हवा की गुणवत्ता एक निश्चित सीमा से नीचे गिर जाती है तो इसे सुधारने और इससे अधिक खराब होने से रोकने के लिए कुछ आतापकालीन उपाय करने होते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में इन उपायों पर मुहर लगाई थी. उसके बाद साल 2017 में इन उपायों को अधिसूचित किया गया. बता दें कि यह योजना राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के साथ पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) की कई बैठकों के बाद तैयार की गई थी.