Delhi-NCR Pollution: (रिपोर्टर - सुशील पाण्डेय) सुप्रीम कोर्ट में आज दिल्ली प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई होनी है. वहीं कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामा कहा गया है कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों या राज्यों द्वारा किसी भी तरह के उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाने के लिए नियम तैयार किए हैं.
कानून और न्याय मंत्रालय ने प्रस्तावित नियमों की पहले ही जांच कर ली है. इस ड्राफ्ट नियम को इसी हफ्ते अधिसूचित किया जाएगा. अतिरिक्त कानून बनाने के संबंध में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. कृषि मंत्रालय के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहन देने का कार्य किया जा रहा है. पंजाब और हरियाणा में पिछले सालों के मुकाबले पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है.
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हरियाणा में 19 और पंजाब में 32 शिकायतें दर्ज
इसके साथ ही CAQM ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत अधिकारियों के खिलाफ पंजाब में 32 और हरियाणा राज्य में 19 शिकायतें/मामले दर्ज किए गए हैं. जिला प्रशासन को सख्त निगरानी रखने और आयोग के निर्देशों को लागू करने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
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पंजाब और हरियाणा में राज्य सरकारों द्वारा भी सख्त कार्रवाई की जा रही है. जिसमें पराली जलाने वाले ऐसे किसानों के खेत रिकॉर्ड में लाल प्रविष्टियां दर्ज करना है. बीएनएस- 2023 की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज करना और उल्लंघनकर्ताओं से निर्धारित पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क लगाना/वसूली करना शामिल है.
किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित
उधर पंजाब सरकार ने किसानों को धान की पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ 2500 रुपये का प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. उपरोक्त प्रोत्साहन पंजाब और दिल्ली द्वारा 500 रुपये प्रति एकड़ तथा भारत सरकार द्वारा 1500 रुपये प्रति एकड़ साझा किया जा सकता है. यह ध्यान में रखते हुए कि धान 32 लाख हेक्टेयर में उगाया जाता है. जिसके लिए कुल राशि 2000 करोड़ रुपये होगी. जिसमें पंजाब, दिल्ली और भारत सरकार का हिस्सा क्रमशः 400 करोड़ रुपये, 400 करोड़ रुपये तथा 1200 करोड़ रुपये हो सकता है.
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दिवाली के बाद दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण
बता दें कि हर साल ठंड की शुरुआत होते ही दिल्ली में प्रदूषण की समस्या आम बात है, लेकिन दिवाली के बाद ये चरम पर पहुंच जाता है. जिसमें पटाखों और आतिशबाजी का भी काफी योगदान होता है. जबकि हरियाणा, पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश में धान की पराली जलाने से भी एनसीआर में प्रदूषण बढ़ता है.