दिल्ली में नर्सरी क्लास में एडमिशन की तारीखों के लेकर अभिभावकों में असमजंस की स्थिति और बढ़ गई है. दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक भी एडमिशन की तारीख साफ नहीं हो पाई है. दरअसल, इस बार एक ऐसा प्रस्ताव चर्चा के लिए रखा है, जिसमें कहा गया है कि क्या हम इस साल नर्सरी क्लास से एडमिशन ना करें, बल्कि अगले साल नर्सरी और केजी के एडमिशन एक साथ कर लें? हालांकि अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, इस संबंध में सभी स्टेक होल्डर्स से बात-चीत चल रही है.
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इस नए प्रस्ताव से सबसे ज्यादा प्रभावित अभिभावक और छात्र होंगे. इस मामले में आल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल का कहना है की इसमें सरकार को चाहिए की कोई बीच का रास्ता निकाला जाए, जिससे बच्चो के एडमिशन भी इसी सत्र में हो हो जाए और कोरोना कला में बच्चे भी सुरक्षित रहे.
वहीं पब्लिक स्कूलों में भी इस प्रस्ताव को लेकर नाराजगी है. स्कूलों का कहना है की इससे बच्चों का एक साल खराब होगा जबकि नर्सरी एडमिशन में सब कुछ वर्चुअल होता है. ऐसे में नर्सरी एडमिशन तुरत शुरू कर देना चाहिए. वहीं स्कूल एसोसिएशन का मानना है की दूसरे राज्यो में एडमिशन प्रोसेस जस का तस रहेगा. इस नए प्रस्ताव का सबसे ज्यादा नुकसान दिल्ली के बच्चो को होगा.
एडमिशन प्रोसेस में हो देरी अभिभावकों और स्कूल प्रशासन में कन्फ्यूजन बढ़ा रही है वहीं कुछ दिन पहले न्यूज़ नेशन से बातचीत में शिक्षा मंत्री मनीष शिशोदिया ने साफ कहा था की जब तक हालात नही सुधरते तब तक सरकार स्कूलों को खोलने पर विचार नही करेंगी. ऐसे में लगता तो ये है की अभी कुछ दिन अभिभावकों का ये कन्फ्यूजन दूर होने वाला नहीं है.
Source : News Nation Bureau