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Delhi Ordinance Bill: राघव चड्ढा का केंद्र पर निशाना, दिल्ली सेवा बिल लाने के पीछे ये है मंशा

Delhi Ordinance Bill 2023 : लोकसभा में केंद्र द्वारा दिल्ली सेवा बिल 2023 पेश किए जाने पर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है.

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Deepak Pandey
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आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा( Photo Credit : File Photo)

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Delhi Ordinance Bill 2023 : लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली सेवा विधेयक 2023 पर दिए गए बयान को लेकर आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने बड़ा बयान दिया है. राघव चड्ढा ने कहा कि मुझे लगता है कि गृह मंत्री ने आज सदन में जो बात कही उसमें उन्होंने दिल्ली सेवा बिल लाने की क्या मंशा थी वह स्पष्ट कर दी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में साल 2015 तक सबकुछ ठीक था, लेकिन उसके बाद हमें दिल्ली सरकार से सारी शक्तियां लेने की आवश्यकता पड़ गईं और इसलिए हम यह दिल्ली सेवा बिल ला रहे हैं. 

राज्यसभा सांसद ने कहा कि उन्होंने (अमित शाह) अप्रत्यक्ष तौर पर यह मान लिया है कि हमें अरविंद केजरीवाल से डर लगता है, इसलिए वे दिल्ली सेवा बिल ला रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने साल 2015 में आजाद भारत के इतिहास के सबसे बड़े जनादेश वाली सरकार बनाई है और दिल्लीवासियों ने लगातार हर विधानसभा चुनाव में दिल्ली के बेटे (अरविंद केजरीवाल) को मुख्यमंत्री बनाने का कार्य किया है. 

राघव चड्ढा ने आगे कहा कि अब दिल्ली में बीजेपी की कोई सियासी जमीन नहीं बची है. इसके बाद केंद्र ने दिल्ली सरकार से सारी शक्तियां लेने का फैसला किया है. अरविंद केजरीवाल ने जब से बीजेपी की राजनीति खत्म कर दी. आम आदमी पार्टी ने उनको राजनीतिक तौर पर बेरोजगार कर दिया, जिसके चलते अब यह कानून ला रहे हैं.

आप सांसद ने कहा कि उन्होंने कोई पुरानी कमेटी की रिपोर्ट निकालकर पंडित नेहरू, डॉ. अंबेडकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टेटमेंट याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने यह राय रखी थी कि दिल्ली में सरकार नहीं होनी चाहिए. मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अंबेडकर के बयान देखने के बजाय आप 1980-1990 और 2000 के दशक यह अपनी पार्टी के नेताओं देख लीजिए. 
लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि यह बीजेपी का सपना है कि दिल्ली में पूर्ण राज्य की सरकार हो तो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले जिसके लिए भाजपा ने 1977 से लेकर 2015 तक संघर्ष किया था, लेकिन उन्होंने 2015 में यह संघर्ष खत्म कर दिया. वह शायद इसीलिए किया कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार आ गई. बीजेपी यह समझ गई कि अगले 25-50 साल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ही रहेगी और किसी पार्टी की सरकार नहीं बन सकती है.

Source : News Nation Bureau

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