Tis Hazari Violence: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक की. इससे पहले मंगलवार को पुलिसकर्मियों ने यहां पुलिस मुख्यालय के बाहर अभूतपूर्व प्रदर्शन किया था. सूत्रों के मुताबिक भले ही कानून-व्यवस्था के विषय पर यह एक नियमित बैठक थी, लेकिन उपराज्यपाल को मंगलवार को हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन के बारे में भी जानकारी दी गई. यह प्रदर्शन वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ की गई कथित मारपीट के खिलाफ किया गया था.
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सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में, मुख्य सचिव विजय कुमार देव और दिल्ली पुलिस के सभी संयुक्त आयुक्त उपस्थित थे. कल सुबह नौ बजे से शुरू होकर 11 घंटे तक चले गतिरोध के बाद, प्रदर्शनरत पुलिसकर्मियों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया था. बैजल ने मंगलवार को कहा था कि पुलिस और वकीलों के बीच भरोसा बहाल करना अत्यावश्यक है और यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि पूरे मामले में निष्पक्षता से न्याय हो.
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर को कानूनी नोटिस भेजा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) को कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस के जरिये पुलिस कमिश्नर से वकील ने पूछा है कि मंगलवार पांच नवंबर को दिल्ली पुलिस मुख्यालय (Delhi Police Headquarter) पर पुलिसकर्मियों ने धरना क्यों दिया? यह धरना गैर-कानूनी था. कानूनी नोटिस दिल्ली कमिश्नर को मिला भी है या नहीं यह फिलहाल पुष्ट नहीं हो पाया है. हां, वकील का यह कानूनी नोटिस मीडिया में जरूर वायरल (Viral) हो रहा है. नोटिस के जरिये वकील ने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि, सड़क पर मीडिया की मौजूदगी में दिए गए हवलदार, सिपाहियों के इस धरने से वकीलों और समाज में डर पैदा करने की कोशिश की गई है, जो सरासर गैर-कानूनी है.
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पुलिस मुख्यालय के बाहर धरने से बेहद खफा से दिखाई पड़ रहे परेशान हाल वकील ने पुलिस आयुक्त को तमाम कानूनी धाराओं का भी उल्लेख करते हुए उन्हें सही-गलत समझाया है. नोटिस में जिक्र है कि, सार्वजनिक स्थल पर फोर्स वाले अपनी मांगों को लेकर सरेआम कोई मांग, धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं. इसलिए मंगलवार के धरना प्रदर्शन को गैर-कानूनी ही कहा जाएगा.