डॉ कफील की रिहाई की मांग कर रहे छात्रों को दिल्ली पुलिस ने अपने हिरासत में ले लिया है. बता दें कि ये सभी छात्र गुरुवार को जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के सदस्य दिल्ली के यूपी भवन के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित अस्पताल के पूर्व डॉक्टर कफील खान को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था. 12 दिसंबर को डॉ. कफील खान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए (CAA) के खिलाफ आयोजित एक प्रदर्शन में भाषण दिया था. इसके बाद डॉ कफील खान पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया है.
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बता दें कि निलंबित डॉक्टर को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 29 जनवरी को मुंबई से गिरफ्तार किया था. कफील वहां सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने गए थे. उन्हें अलीगढ़ में उनके खिलाफ 13 दिसंबर को सिविल लाइंस पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धार्मिक आधार पर दो समुदायों में वैमनस्यता फैलाने) के तहत मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया था. यह मामला एएमयू में उनके भाषण देने के बाद दर्ज किया गया.
एफआईआर के अनुसार, छात्रों को संबोधित करते हुए कफील ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि 'मोटा भाई सबको हिंदू या मुस्लिम बनने के लिए बोल रहे हैं न कि इंसान बनने के लिए. यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है. हमें यह लड़नी है.'
उल्लेखनीय है कि डॉ. कफिल का नाम 2017 में गोरखपुर के एक अस्पताल में हुई तमाम बच्चों की संदिग्ध मौतों के मामले में सुर्खियों में आया था. कफील पर अपने भाषण से शांतिपूर्ण माहौल को भड़काने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने का भी आरोप है.