Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा हाई है. फिलहाल इसका केंद्र बना है राजधानी में मुख्यमंत्री आवास. इस आवास को लेकर राजनीतिक दलों के बीच बयान बाजियां बढ़ती जा रही हैं. सूत्रों का दावा है कि दिल्ली सीएम आवास पर खर्च को लेकर लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी ने जो लिस्ट जारी की है, वो भ्रामक है.
आम आदमी पार्टी का तर्क
सीएम आवास पर गर्मायी राजनीतिक के बीच आम आदमी पार्टी ने लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है. यही नहीं पार्टी नेताओं के मुताबिक ये सभी आरोप जानबूझकर लगाए गए हैं. खुद मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा है कि हम दिल्लीवालों की सेवा करने आए हैं. केंद्र सरकार को सीएम आवास हमें नहीं देना है तो भले ही न दें. हम दिल्लीवासियों के लिए सड़क पर रहकर भी काम कर सकते हैं. हम दिल्ली की जनता के दिलों में बसते हैं.
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यही नहीं आम आदमी पार्टी का दावा है कि सीएम आवास के बारे में फर्जी कागजात के आधार पर भ्रम फैलाया जा रहा. मनमानी चीजें लिखकर दो पेपर्स को पहले सोशल मीडिया पर फैलाया गया और उसके आधार पर अन्य राजनीतिक दल प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं. इस कागजों को पीडब्ल्यूडी के कागज बताया जा रहा है जो गलत है. इस पर किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं.
यह भी दावा किया जा रहा है कि यह कागज एक राजनीतिक पार्टी के एक नेता के दफ्तर पर तैयार हुआ है. जहां से उसे सोशल मीडिया पर इसे फैलाया गया.
क्या है बीजेपी का आरोप?
दरअसल मुख्यमंत्री आवास को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि यहां पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस वार्ता में कहा है कि पीडब्ल्यूडी की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक इस आवास में 64 लाख रुपए का टीवी लगाया गया है. साढ़े पांच करोड़ रुपए पर्दे लगाए हैं. जबकि 10 लाख रुपए का सोफा और 5.4 लाख रुपए का लाउडस्पीकर लगाया गया है. घर में आधुनिक सुविधा से लैस सभी चीजें मौजूद हैं.
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