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Delhi Pollution: दिवाली के बाद नौ साल में दूसरा बार सबसे साफ रही दिल्ली की हवा, जानें क्या है वजह

Delhi Pollution: दिवाली के बाद दिल्ली की हवा भले ही खराब हुई हो लेकिन बीते कुछ सालों की तुलना में इस वक्त वायु की गुणवत्ता काफी ठीक बनी हुई है. पिछले नौ सालों में दूसरी बार दिवाली के बाद दिल्ली का एक्यूआई सबसे बेहतर रहा है.

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Suhel Khan
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Delhi Air Pollution

दिल्ली को प्रदूषण से राहत (Social Media)

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Delhi Air Pollution: सर्दियों की शुरुआत होती है दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाता है, लेकिन दिवाली के बाद हर साल वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच जाता है. इस बार भी दिवाली के बाद दिल्ली की हवा खराब हो गई. लेकिन पिछले नौ साल की तुलना में दिवाली के बाद इस साल वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहतर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 के बाद दिवाली के बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता दूसरी बार सबसे स्वच्छ दर्ज की गई है.

जो इस साल गंभीर श्रेणी की बजाय 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. माना जा रहा है कि इस बार वायु प्रदूषण अन्य सालों की तुलना में इसलिए कम हुआ है कि इस बार तेज हवाओं के चलते पटाओं का धुंधा जल्द उड़ गया. जो दिवाली के दिन से 16 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती रही.

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कब कितना दर्ज किया गया दिल्ली का AQI

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार रात तक 24 घंटे के अंदर वायु गुणवत्ता सूचकांक लगाता बढ़ता रहा. गुरुवार की शाम को एक्यूआई 328 दर्ज किया गया, जो रात को बढ़कर 338 हो गया. जबकि शुक्रवार सुबह 9 बजे तक यह 362 तक पहुंच गया. जो दिल्लीवालों के लिए राहत की बात थी. दिल्ली में तेज और लगातार चलती हवाओं से हवा जल्द साफ हो गई. जिससे धुएं की परत तेजी से फैल गई और AQI शुक्रवार शाम 4 बजे तक 339 तक आ गया. जबकि शुक्रवार शाम को सात बजे ये 323 हो गया.

बता दें कि दिवाली के मौके पर की गई आतिशबाजी, पराली जलाने में वृद्धि और जहरीली गैसों को छोड़ने वाले विभिन्न स्थानीय स्रोतों के उत्सर्जन ने शहर की वायु गुणवत्ता गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह तक "बहुत खराब" की ऊपरी सीमा में पहुंच गई. स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष, महेश पलावत ने कहा कि, 'उच्च तापमान ऊंचाई को मिश्रित करता रहता है और प्रदूषकों को स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित करने और फैलने की अनुमति देता है. कम तापमान हवा की गति को धीमा कर देता है और व्युत्क्रमण नामक घटना के माध्यम से प्रदूषकों को सतह के करीब फंसा देता है.'

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दिवाली के दिन कैसी रही वायु की गुणवत्ता

गुरुवार को, जबकि दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्सों ने पटाखों के उपयोग को सीमित कर दिया, लेकिन शहर के अधिकांश हिस्सों में हुई आतिशबाजी ने इसकी भरपाई कर दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहर के पीएम2.5 स्तरों में पराली जलाने का योगदान भी काफी बढ़ गया, दिवाली के दिन इसकी हिस्सेदारी 27.61% तक पहुंच गई, जो बुधवार को 8.4% और मंगलवार को 1.8 फीसदी थी.

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उसके बाद शुक्रवार की सुबह धुंध भरी शुरुआत हुई, लेकिन हवाएं चलने और सूरज निकलने से स्थिति में सुधार हुआ. मौसम विभाग ने दिवाली पर आधी रात तक हवा की गति 12-16 किमी/घंटा बताई, जो आधी रात तक घटकर 3-7 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई, लेकिन शुक्रवार की सुबह फिर से बढ़ गई, जिससे वेंटिलेशन और प्रदूषकों के फैलाव में मदद मिली. हालांकि दिवाली के बाद 2024 का AQI 2015 के बाद से दूसरा सबसे स्वच्छ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में PM2.5 के स्तर में प्रति घंटा बढ़ोतरी को लेकर चिंता है, जो राष्ट्रीय अनुमेय सीमा से 30 गुना से ज्यादा है.

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