दिल्ली में पिछले एक-दो दिन प्रदूषण का असर कुछ कम रहा लेकिन अब एक बार फिर स्थिति बिगड़ती दिखाई दे रही है. बुधवार को दिल्ली की एयरक्वलिटी बेहद खराब की श्रेणी में पहुंच गई है. मौसम विभाग का अमुमान है कि अगले दो दिनों में यह और खराब स्तर तक पहुंच सकती है.
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इसके पीछे का कारण हिमालय के पश्चिमी हिस्से पर एक पश्चिमी विक्षोभ है जो एनसीआर क्षेत्र में हवा के प्रवाह को प्रभावित करने वाला है. हवा के कम प्रवाह से क्षेत्र में प्रदूषण और बढ़ेगा. अनुमान जताया जा रहा है कि 21 और 22 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर और भी ज्यादा प्रदूषण बढ़ सकता है.
बताया जा रहा है कि बढ़ते प्रदूषण का असर दिल्ली के अलावा नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में भी देखने को मिलेगा. दूसरी तरफ स्थिति को देखते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की पर्यावरण संबंधित संसद की स्थायी समिति की आज यानी बुधावर को एक बैठक बुलाई गई है. ये बैठक बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्ष्ता में स्थायी समिति द्वारा बुलाई गई है जिसके बारे में सभी सदस्यों को जानकारी दे दी गई है. इससे पहले ये बैठक 15 नवंबर को बुलाई गई थी लेकिन कई सदस्यों के गैर हाजिर रहने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया था. वहीं जगदंबिका पाल ने इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर असंतोष भी जताया था.
इससे पहले 17 नवंबर को प्रदूषण का असर कुछ कम हुआ था. बताया जा रहा था कि तेज हवा चलने की वजह से प्रदूषण में कमी आई थी. इससे पहले शनिवार को भी प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई थी. शनिवार को AQI शुक्रवार की तुलना में 101 अंक नीचे गिरा जिससे प्रदूषण खतरनाक से बहुत खराब की श्रेणी में आ गया. रविवा र को भी प्रदूषण के स्तर में सुधार देखा गया है. गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो