Delhi Pollution: अभी सर्दियां पूरी तरह शुरू भी नहीं हुई कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र का प्रदूषण तेजी के साथ खराब से बेहद खराब की श्रेणी में पहुंच गया है. शनिवार को दिल्ली में बीते 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक ( एक्यूआई ) 248 की श्रेणी में था. एक्यूआई के इस स्तर को खराब श्रेणी में रखा गया है. माना जा रहा है कल या परसो मतलब 23 और 24 अक्टूबर को दिल्ली का एक्यूआई 300 से 400 तक पहुंच सकता है जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण II के तहत उपाय लागू कर दिए हैं.
प्रदूषण से निपटने के लिए कमीशन पर फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआईर में पार्किंग चार्ज फीस बढ़ाने का सुझाव दिया है ताकि निजी वाहनों के आवागमन पर रोक लग सके. इसके साथ ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो ट्रेनों की सर्विस बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है.
दिल्ली की वायु गुणवत्ता गिरकर खराब श्रेणी में पहुंच गई
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता गिरकर खराब श्रेणी में पहुंच गई है क्योंकि शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार शाम को 266 तक पहुंच गया. धीरपुर में एक्यूआई गंभीर श्रेणी और पीएम 2.5 बहुत खराब श्रेणी में 342 पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सोमवार को भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रह सकती है. पूसा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200, लोधीरोड पर 173, आईआईटी दिल्ली स्टेशन 288, शहर के मथुरा रोड पर 162 पहुंच गया है.
वायु गुणवत्ता सूचकांक के 297 तक पहुंचे की संभावना
एसएएफएआर के पूर्वानुमान के अनुसार, रविवार को शहर की वायु गुणवत्ता और खराब होकर खराब श्रेणी में आ जाएगी. वायु गुणवत्ता सूचकांक के 297 तक पहुंचे की संभावना है. दिल्ली के पड़ोसी शहरों नोएडा का एक्यूआई 290, गुरुग्राम का 152 दर्ज किया गया है. बता दें कि 0 (शून्य से) और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 और 500 के बीच गंभीर माना जाता है.
GRAP की चारों स्टेज में किए जाते हैं ये उपाय
- जीआरएपी के पहले चरण में 500 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा के धूल रोकने संबंधी उपायों को किया जाता है, जैसे कि निर्माण व तोड़फोड़ के कार्य.
- पहले चरण के तहत 300 किमी के अंदर प्रदूषण का कारण बनने वाली औद्दोगिक इकाइयों और ताप ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसके साथ ही होटल, रेस्टोरेंट और ढ़ाबों के तंदूर में इस्तेमाल होने वाले कोयले व लकड़ी पर रोक लगाई जाती है.
- दूसरे चरण के तहत निजी वाहनों की आवाजाही कम करने के उपाय किए जाते हैं जैसे पार्किंग शुल्क बढ़ाना, सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों की सेवाओं को बढ़ावा देना आदि.
Source : News Nation Bureau