पिछले साल 23 फरवरी 2020 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अचानक दंगा भड़क गया था. उत्तर पूर्व दिल्ली के जाफराबाद के सात कई अन्य इलाकों में रक्तपात, संपत्ति विनाश, दंगों और हिंसक घटनाओं आदि हुई थी. दिल्ली के इस दंगे में 53 के लगभग लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग लापता हो गए थे. इस दंगे की शुरुआत उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में हुई थी, जहां भारत के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के खिलाफ महिलाओं द्वारा बैठकर सीलमपुर - जाफराबाद - मौजपुर मार्ग को अवरुद्ध किया गया था. इसको लेकर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली पुलिस से सड़कों को खाली करने का आह्वान किया था.
दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से दंगा पीड़ितों को 26 करोड़ रुपए से अधिक मुआवजा लोगों में बांटा है. दिल्ली सरकार की ओर से अभी तक 2221 दंगा पीड़ितों में 26 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुआवजा दिया गया है. दंगे में जान गंवाने वालों के 44 परिवारों को कुल 4.25 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है. हिंसा के दौरान घायल होने वाले 233 पीड़ितों को कुल एक करोड़ 75 लाख 40 हज़ार रुपये का मुआवजा दिया गया है. इसके आलावा 731 पीड़ितों को उनके घरों में हुए नुकसान के लिए 8 करोड़ 51 लाख 27 हजार 400 सौ रुपये का मुआवजा दिया गया है. कुल 1176 दुकानों , प्रतिष्ठानों के स्वामियों को 11 करोड़ 28 लाख 18 हजार 042 रुपये का मुआवजा दिया गया है. दंगे के दौरान जानवर , ई-रिक्शा या स्कूलों को हुए नुकसान को झेलने वाले 12 लोगों को 4,42,875 रुपये दिए गए.
झुग्गियों के नुकसान के लिए 22 मामलों में दिल्ली सरकार के तरफ से 5.5 लाख रूपये दिए गए. वहीं 3 स्कूलों में हुए नुकसान के लिए 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया. केजरीवाल सरकार ने अब तक लगभग 2221 दंगा पीड़ितों को 26,09,78, 416 रुपये का मुआवजा दिया है.
बता दें कि 27 फरवरी 2020 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में पीड़ितों को मुआवजा राशि देना तय हुआ था. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पीड़ित परिवारों के रहने , खाने और मेडिकल सुविधाओं का इतंजाम भी किया था.
दिल्ली सरकार के तरफ से तय मुआवजा
· मृत्यु ( 18 साल से ऊपर व्यक्ति)- 10 लाख रुपये का मुआवजा
· मृत्यु ( 18 साल से नीचे)- 5 लाख रुपये
· स्थाई विकलांगता- 5 लाख रुपये
· गंभीर चोट- 2 लाख रुपये
· हल्की चोट- 20 हज़ार रुपये
· अनाथ- 3 लाख रुपये
· जानवर का नुकसान- 5,000 रुपये
· साधारण रिक्शा का नुकसान- 25,000 रुपये
· ई-रिक्शा/ई-स्कूटी का नुकसान- 50,000 रुपये
· घर पूरा टूटने/जलने पर- 5 लाख रुपये
· घर को अच्छा खासा नुकसान होने पर- 2.5 लाख रुपये
· घरों को कम नुकसान होने पर- 25,000 रुपये
· घरों में पूर्ण चोरी , लूटपाट और बर्बरता के मामले- 1 लाख रुपये
· घरों में आंशिक लूटपाट और चोरी- 50 हजार रुपये
· बीमा रहित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों/दुकानों में लूट/चोरी/नुकसान होने पर- अधिकतम 5 लाख रुपये
· जिन स्कूलों में 1000 से कम छात्र पढ़ते हैं उनको- 5 लाख रुपये
· जिन स्कूलों में 1000 से अधिक छात्र पढ़ते हैं उनको- 10 लाख रुपये तक का मुआवजा
Source : News Nation Bureau