दिल्ली दंगों के मामले में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी पर फैसला फिर टल गया है. हालांकि ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने पुलिस से पांच दिन में जवाब मांगा है. निचली अदालत के आदेश को ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. निचली अदालत ने ताहिर की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था.
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निचली अदालत ने ये कहते हुए ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी कि उसने अपने बाहुबल और राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल करके साम्प्रदायिक दंगों को भड़काने में सरगना की भूमिका निभाई. वो मौके पर मौजूद था और सम्प्रदाय विशेष के लोगों को दंगे के लिए भड़का रहा था. कोर्ट ने कहा था कि उसके इशारे पर मानव हथियार में तब्दील लोग किसी को भी मार सकते थे.
अदालत ने यह भी कहा था कि उन्होंने (ताहिर हुसैन) धन और अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए 'सरगना' की तरह हिंसा की योजना बनाई. कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्र गवाहों के रूप में पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिनका यह मानना है कि आवेदक अपराध के स्थान पर मौजूद था और दंगाइयों को प्रेरित कर रहा था. कोर्ट ने कहा था कि सरकारी गवाहों द्वारा तीनों आरोपियों की स्पष्ट रूप से पहचान की गई है, जिन्होंने अपने बयानों में स्पष्ट रूप से कहा है कि वे घटना के दिन मुख्य आरोपी हुसैन से संबंधित घर की छत पर कथित रूप से मौजूद थे.
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गौरतलब है कि फरवरी में हुई हिंसा में सीएए समर्थकों और सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी. हिंसा में 53 लोग मारे गए और 748 लोग घायल हुए थे.
Source : News Nation Bureau