उत्तर-पूर्वी दिल्ली (Delhi Violence) में दंगे और सीएए विरोधी प्रदर्शन (CAA Protest) मामलों में वकील नियुक्ति मामले में आज केजरीवाल कैबिनेट तय करेगी कि दिल्ली सरकार की ओर से कोर्ट में उनका पक्ष कौन रखेगा. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस के बताए वकीलों के पैनल को खारिज कर सकती है.
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दिल्ली कि केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच इस मुद्दे पर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों और सीएए विरोधी प्रदर्शनों के 85 मामलों में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में दिल्ली पुलिस का पक्ष कौन रखेगा? इस मामले में दिल्ली सरकार का कहना है कि उसके स्टैंडिंग काउंसिल राहुल मेहरा और उनकी टीम दिल्ली पुलिस का पक्ष रखने में सक्षम है जबकि दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी समेत छह वरिष्ठ वकीलों का पैनल सुझाया गया है.
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पिछले दिनों जब दिल्ली के गृह मंत्री का पदभार मनीष सिसोदिया के पास था तब उन्होंने दिल्ली पुलिस के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. जिसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर इस बारे में कैबिनेट में फैसला लेने को कहा था. आज इस मामले में कैबिनेट बैठक में तय हो सकता है कि दिल्ली सरकार की ओर से इस मामले में दिल्ली पुलिस का पक्ष कौन रखेगा.
Source : News Nation Bureau