देश की राजधानी दिल्ली में डॉक्टर्स के वेतन का मुद्दा गंभीर रूप ले चुका है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा संचालित अस्पतालों के डॉक्टर्स तीन महीने से वेतन न मिलने पर विरोध पर उतर आए हैं. आज से एनडीएमसी संचालित अस्पतालों के डॉक्टर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. इससे पहले सोमवार को इन डॉक्टर्स ने लंबित वेतन को लेकर सोमवार को सामूहिक आकस्मिक अवकाश ले लिया.
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सोमवार को उत्तरी निगम के अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए शाम में जंतर-मंतर पर मोमबत्ती जुलूस भी निकाला. हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन (आरडीए) के कुछ सदस्यों ने भी इसमें हिस्सा लिया. जिससे अस्पतालों में मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. आज डॉक्टर्स के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से मरीजों की परेशानी और बढ़ने वाली हैं.
म्युनिसिपल कॉरपोरेशन डॉक्टर्स एसोसिएशन (एमसीडीए) की महासचिव मारूति सिन्हा का कहना है कि पिछले तीन महीनों का लंबित वेतन जारी करने सहित हमारी मांगें नहीं मानी गई हैं, इसलिए मंगलवार (आज) से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. बता दें कि एमसीडीए निगम के अस्पतालों के वरिष्ठ स्थायी चिकित्सकों का संघ है. इसमें दो अन्य नगर निगमों द्वारा संचालित अस्पतालों के चिकित्सक भी शामिल हैं.
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बहरहाल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मांग की कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों के बकाया वेतन का तुरंत भुगतान करे. लेकिन उधर, तीनों नगर निगमों के मेयर 8 घंटे तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरना पर बैठ गए. बाद में रात 8 बजे दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने उनसे मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने धरना खत्म किया. उत्तरी दिल्ली के मेयर जयप्रकश ने एक बयान में दावा किया कि जैन ने आश्वस्त किया है कि दिल्ली सरकार से तीनों नगर निगमों का सभी बकाया 10 दिनों में जारी कर दिया जाएगा.
Source : News Nation Bureau