दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच जबरदस्त झड़प के बाद हिंसा हुई. इस घटना के विरोध में वकीलों ने हड़ताल करने का ऐलान किया है. 4 नवंबर को दिल्ली की निचली अदालतों के वकील हड़ताल पर रहेंगे, जिससे दिल्ली के सभी कोर्ट का कामकाज ठप रहेगा. साथ ही वह पुलिस आयुक्त गृह मंत्रालय को ज्ञापन भी देंगे.
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इस घटना को लेकर कोऑर्डिनेशन कमिटी के चेयरमैन महावीर शर्मा और सेक्रेटरी जनरली धीर सिंह कसाना ने कहा कि तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग के विरोध में 4 नवंबर को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में कामकाज ठप रखने का फैसला किया गया है.
एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने इस मामले में कहा कि थर्ड बटालियन के पुलिस और वकीलों के बीच हाथापाई पार्किंग को लेकर हुई थी. इसमें कुछ अन्य वकील भी शामिल हुए. वे लॉकअप के अंदर घुसना चाहते थे और वे बदला लेना चाहते थे, लेकिन हमने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. हमने अंदर से ताला बंद कर दिया, ताकि बिना किसी जोखिम के जवानों और कैदियों को अदालत के सामने पेश किया जाए. जब वकील अंदर नहीं जा सके तो वे आग जलाकर लॉकअप तोड़ना चाहते थे.
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एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि कोर्ट परिसर के अंदर हमलोगों ने सिर्फ पुलिस ही नहीं कैदियों की भी जान बचाने की कोशिश की. अगर किसी को गोली लगी है तो वो मेडिकल रिपोर्ट में सामने आएगा. हमें काफी चोटें आईं. मुझे गर्व है कि मैंने लोगों को बचा लिया है.
वहीं, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष केसी मित्तल ने वकीलों पर किए गए हमले की निंदा की. उन्होंने कहा, इस घटना में एक वकील गंभीर रूप से घायल है. उन्होंने कहा कि उच्च पद पर बैठे एक पुलिसवाले ने लॉकअप में वकील को पीटा, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए और मुकदमा चलाया जाना चाहिए. हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं.
बता दें कि पुलिस और वकीलों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते वकीलों ने पुलिस जिप्सी और कई अन्य वाहनों में आग भी लगा दी. वहीं, पुलिस फायरिंग में कई वकील घायल भी हो गए हैं. साथ ही वकीलों ने कोर्ट परिसर में खड़ी कई गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की. इस जबरदस्त झड़प में वकीलों ने पुलिस के कुछ अधिकारियों की भी पिटाई कर दी.
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इसके बाद से ही अदालत परिसर का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. वहीं, तीस हजारी के सभी गेट पुलिस ने बंद कर दिए हैं, किसी भी बाहरी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा. इस घटना के दौरान वकीलों ने मौके पर पहुंचे कई पत्रकारों की पिटाई की. घटना के बाद कोर्ट परिसर में गुस्साए वकीलों ने काफी बवाल काटा. वहीं, तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसक घटना के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट में भी वकीलों ने जमकर बवाल किया और पुलिस बैरिकेड को आग लगा दी. किसी तरह पुलिस ने मामला शांत कराया. वहीं, डीसीपी मोनिका भारद्वाज के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है.