सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के नेतृत्व में दिल्ली सरकार परिवहन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दे रही है. इसके जरिए बसों के संचालन में सुधार किया जाएगा. इसके अलावा मोबाइल पर यात्रियों को बस से जुड़ी तमाम जानकारियां मिल सकेंगी. केजरीवाल सरकार, दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाकर प्रदूषण स्तर को कम करने में भी जुटी है. दिल्ली को विश्व स्तरीय ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर देने के उद्देश्य से आईआईआईटी दिल्ली के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी के जरिए मंगलवार को इसकी नींव रखी गई है.
इसका केंद्र आईआईआईटी दिल्ली में होगा और इसके लिए 6.1 करोड़ रुपये फंड की व्यवस्था की गई है. इस केंद्र के जरिए दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन का इंफ्रास्क्ट्रक्चर तैयार होने के बाद ऐप में इंटीग्रेटिड किया जाएगा. इससे किसी भी चार्जिंग स्टेशन की लोकेशन, उसकी वर्तमान स्थिति देख सकेंगे. इसके अलावा वन दिल्ली ऐप पर सब कुछ इंटीग्रेट होगा. ग्रामीण सेवा, ऑटो, मेट्रो सहित सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को वन दिल्ली ऐप से इंटीग्रेट किया जाएगा. बस क्यू शेल्टर पर पैसेंजर इंफोर्मेशन सिस्टम लगने हैं. जिनकी जानकारी भी ऐप पर मिलेगी.
ऐप से 70 हजार लोग खरीद रहे टिकट
आईआईआईटी दिल्ली, बसों में कॉन्टैक्टलेस टिकट उपलब्ध कराने के केजरीवाल सरकार के सपने को साकार कर चुकी है. प्रतिदिन 70 हजार लोग कॉन्टैक्टलेस टिकट खरीद रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश में पहली बार मोबाइल से टिकट खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई. सभी प्रकार से खरीदी जाने वाली टिकट में इसका आंकड़ा 6 प्रतिशत से ऊपर है.
बसों की रियल टाइम लोकेशन देख सकते हैं यात्री
ओपन ट्रांजिट डेटा के जरिए क्लस्टर बसों की रियल टाइम लोकेशन यात्रियों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. वर्तमान में जितनी भी डीटीसी-क्लस्टर बसें हैं उनकी रियल टाइम लोकेशन यात्री देख सकते हैं. ओपन ट्रांजिट डेटा का प्लेटफार्म सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी के द्वारा तैयार किया जाएगा.
केजरीवाल सरकार इस सपने को भी करेगी पूरा
विकसित राष्ट्रों में अगर किसी मार्ग पर यात्रियों का भार बढ़ जाता है तो स्वत: ज्यादा बसें उस मार्ग पर चली जाती हैं. इसी तरह दिल्ली में किसी मार्ग पर यात्रियों का भार बढ़ने पर बसें बढ़ जाएंगी. नए मार्गों पर कहां यात्री ज्यादा हैं, कौन से बस स्टॉप ज्यादा यूज हो रहे हैं, यह सारा डाटा गूगल मैज-जीपीएस के जरिए मिलेगा. इसके बाद बसें उस मार्ग पर बढ़ जाएंगी. इस उद्देश्य की तरफ केजरीवाल सरकार तेजी से बढ़ रही है.
Source : News Nation Bureau