दिल्ली हिंसा ( Delhi Violence) मामले में जेएनयू (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ( Sharjeel Imam) और उमर खालिद (Umar Khalid) को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. मंगलवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने UAPA मामले में उमर और शरजील समेत अन्य की न्यायिक की हिरासत को 1 मार्च तक बढ़ा दिया है. बता दें कि ये सभी आरोपी आतंकवाद निरोधक कानून यानी गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के विभिन्न प्रावधानों के तहत जेल में बंद है. इन सभी आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 930 पन्नों की पूरक चार्जशीट दायर की थी. यह मामला दंगों को उकसाने के एक 'षड्यंत्र' से संबंधित है, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 748 लोग घायल हुए थे. पुलिस ने दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा खालिद और अन्य लोगों द्वारा कथित तौर पर रची गई एक पूर्व-निर्धारित साजिश थी.
इन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और आपराधिक साजिश, हत्या, दंगा, राजद्रोह, गैरकानूनी तरीके से भीड़ एकत्र करने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराएं जोड़ी गई हैं. उन पर धर्म, भाषा और जाति के आधार पर लोगों के बीच बैर बढ़ाने का भी आरोप है.
बता दें कि यह दूसरा मामला है जिसमें उमर खालिद के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया है. इससे पहले जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ 2016 के जेएनयू मामले में कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाने के लिए राजद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया था.
Source : News Nation Bureau